Edited By Jyoti M, Updated: 29 Sep, 2024 04:45 PM
शिमला पुलिस ने एक ड्रग्स रैकेट का भंडाफोड़ करने में बड़ी कामयाबी हासिल की है। बता दें कि एक सेब व्यापारी बड़ा चालाकी के साथ पिछले 5-6 सालों से यह ड्रग्स रैकेट चला रहा था।
हिमाचल डेस्क। शिमला पुलिस ने एक ड्रग्स रैकेट का भंडाफोड़ करने में बड़ी कामयाबी हासिल की है। बता दें कि एक सेब व्यापारी बड़ा चालाकी के साथ पिछले 5-6 सालों से यह ड्रग्स रैकेट चला रहा था। जिसे पुलिस भी जानकार हैरान रह गई। यह पूरा रैकेट व्हाट्सएप के जरिए चलता था, लेकिन डिलीवरी करने वाले शख्स और इसे हासिल करने वाला व्यक्ति कभी एक-दूसरे से नहीं मिलते थे।
शिमला के एसपी संजीव कुमार गांधी ने ने जानकारी देते हुए बताया कि शिमला का एक सेब व्यापारी जिसका नाम शाही महात्मा (शशि नेगी) है वह पिछले पांच-छह वर्षों से एक अंतरराज्यीय 'चिट्टा' (मिश्रित हेरोइन) रैकेट चला रहा था ओर इसके दिल्ली में नाइजीरियन ड्रग गैंग और हरियाणा के अन्य गैंग के साथ संपर्क था। उन्होंने कहा कि उसका कश्मीर में भी कुछ लोगों के साथ संपर्क था।
उसने इस रैकेट को इतनी कड़ियों में बांट रखा था कि उसे यकीन था कि पुलिस उस तक नहीं पहुंच सकती है। लेकिन 20 सितंबर को उसे उस वक्त झटका लगा जब पुलिस ने शिमला में इस साल की सबसे बड़ी ड्रग्स की जब्ती की. पुलिस को इस दौरान 465 ग्राम 'चिट्टा' मिला।
ड्रग्स की मांग व्हाट्सएप पर होती थी
पुलिस अधिकारी ने बताया कि ड्रग्स की मांग व्हाट्सएप पर होती थी. ये लोग पहले सुनिश्चित करते थे कि ड्रग्स के वितरण से पहले यह चार हाथों से गुजरें. उन्होंने मांग लाने, ड्रग्स की आपूर्ति करने और भुगतान प्राप्त करने के लिए अलग-अलग अप्रत्याशित लोगों को नियुक्त किया।
अधिकारी ने कहा कि वह खुद कभी भी किसी भी साझेदार के साथ सीधे संपर्क में नहीं आते थे। डिलीवरी करने वाला व्यक्ति ड्रग को एक अलग स्थान पर रखता और खरीदार को वहां से उठाने के लिए एक वीडियो साझा करता था. पैसे भी अलग-अलग खातों से होते हुए नेगी के खाते में पहुंचते थे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पिछले 15 महीनों में आरोपियों के बैंक खातों में 2.5-3 करोड़ रुपये के फंड फ्लो का पता चला है।