Edited By Kuldeep, Updated: 18 Feb, 2025 10:14 PM
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प्रदेश हाईकोर्ट ने आयुर्वैदिक फार्मेसी अधिकारी भर्ती का अंतिम परीक्षा परिणाम घोषित करने पर रोक लगा दी है। हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से आयुर्वैदिक फार्मेसी अधिकारी के पद के लिए छंटनी परीक्षा का आयोजन किया गया था।
शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट ने आयुर्वैदिक फार्मेसी अधिकारी भर्ती का अंतिम परीक्षा परिणाम घोषित करने पर रोक लगा दी है। हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से आयुर्वैदिक फार्मेसी अधिकारी के पद के लिए छंटनी परीक्षा का आयोजन किया गया था। इसके बाद इस परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को दस्तावेजों के सत्यापन हेतु बुलाया गया है। न्यायाधीश रंजन शर्मा ने लोक सेवा आयोग को दस्तावेजों का सत्यापन जारी रखने के आदेश देते हुए अंतिम परिणाम घोषित करने पर रोक लगाने के आदेश दिए।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अंतिम परिणाम कोर्ट की अनुमति से ही जारी किया जा सकेगा। याचिकाकर्त्ता अंजू कुमारी व अन्य अभ्यर्थियों द्वारा दायर याचिका में लोक सेवा आयोग को दिनांक 10 फरवरी 2024 की भर्ती सूचना के अनुसरण में आयुर्वैदिक फार्मेसी अधिकारी के पद के लिए भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाने से रोकने के लिए अंतरिम आदेशों की मांग की थी। याचिकाकर्त्ताओं का आरोप है कि छंटनी परीक्षा के लिए आयोग नियमानुसार पांच विकल्पों यानी विकल्प ए, बी, सी, डी और विकल्प ई को दर्शाते हुए ओएमआर शीट जारी करने के लिए बाध्य था। पांचवां विकल्प नैगेटिव मार्किंग से बचने के लिए था।
प्रार्थियों ने कोर्ट को बताया कि उन्हें प्रदान की गई ओएमआर शीट में अपेक्षित विकल्प ई नहीं था। प्रार्थियों का यह भी आरोप है कि परीक्षा के अन्य केंद्रों में उपस्थित होने वाले अन्य उम्मीदवारों को दी गई ओएमआर शीट में सभी पांच विकल्प अर्थात ए, बी, सी, डी और ई शामिल थे, जबकि याचिकाकर्त्ताओं से संबंधित ओएमआर शीट में चार विकल्प अर्थात ए, बी, सी और डी ही शामिल थे। इसलिए 14 सितम्बर 2024 को आयोजित स्क्रीनिंग टैस्ट के दौरान आयोग द्वारा याचिकाकर्त्ताओं और अन्य उम्मीदवारों को असमान अवसर प्रदान किया गया है।
कोर्ट ने प्रथम दृष्टया प्रार्थियों की दलीलों से सहमति जताते हुए आयोग को आदेश दिए कि वह हिमाचल प्रदेश के आयुष विभाग में आयुर्वैदिक फार्मेसी अधिकारी के पद के लिए दस्तावेजों का सत्यापन जारी रखे लेकिन अंतिम परिणाम इस न्यायालय की अनुमति के बिना घोषित नहीं किया जाएगा। मामले पर अगली सुनवाई 28 मार्च को निर्धारित की गई है।