Edited By Kuldeep, Updated: 03 Jul, 2023 09:40 PM

5 दिन से शिथिल पड़ा मानसून अब एक बार फिर से सक्रिय हो गया है। प्रदेश में जहां 4 से 7 जुलाई तक यैलो अलर्ट जारी किया गया है वहीं 9 जुलाई तक मौसम खराब रहेगा।
शिमला (संतोष): 5 दिन से शिथिल पड़ा मानसून अब एक बार फिर से सक्रिय हो गया है। प्रदेश में जहां 4 से 7 जुलाई तक यैलो अलर्ट जारी किया गया है वहीं 9 जुलाई तक मौसम खराब रहेगा। 5 व 6 जुलाई को भारी बारिश, ओलावृष्टि व गरजना का अलर्ट जारी किया गया है और इस दौरान विभागों की सलाह की अनुपालना करने की सलाह दी गई है। सोमवार को राजधानी शिमला सहित प्रदेश के कई हिस्सों में मौसम बादलनुमा रहा और कांगड़ा में 3, नाहन में 0.5, शाहपुर में 0.5 मिलीमीटर वर्षा हुई है, जबकि राज्य में पिछले 24 घंटों में देहरा गोपीपुर में 7, गुलेर 6, बी.बी.एम.बी. 1, नैनादेवी में 1 सैंटीमीटर वर्षा हुई है। सोमवार को कुकुमसेरी में न्यूनतम तापमान 11.3, जबकि ऊना में अधिकतम तापमान 38 डिग्री रहा है, वहीं राजधानी शिमला का अधिकतम तापमान 24.6 डिग्री दर्ज किया गया है।
मैदानों में उमस, कई जगह डायरिया के रोगी बढ़े
राज्य के मैदानी इलाकों में अब लोग उमस भरी गर्मी झेलने को लाचार हो गए हैं। लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उमस भरी गर्मी और बरसात के कारण लोग बीमार भी पडऩे लगे हैं। राज्य के कई अस्पतालों में उल्टी, दस्त और बुखार के मरीजों की संख्या भी बढऩे लगी है। पिछले 3 दिनों से सिविल अस्पताल घुमारवीं में लोग डायरिया की शिकायत लेकर आ रहे हैं।
जाहलमा नाले की बाढ़ से बढ़ा चिनाव का जलस्तर
शीत मरूस्थल कहे जाने वाले लाहौल में ग्लेशियर पिघलने लगे हैं। चिनाव नदी का जलस्तर बढऩे से जसरथ गांव के बगीचों व खेतों में पानी घुस गया है। जाहलमा नाले में आई बाढ़ के बाद चिनाव का जलस्तर काफी बढ़ गया है। जसरथ गांव में नदी किनारे कई खेत व बगीचे तालाब बन गए हैं। नदी-नालों का बढ़ा हुआ जलस्तर लोगों के लिए परेशानी बनता जा रहा है।
33 सड़कें अभी भी बंद, नुक्सान का आंकड़ा हुआ 2.74 अरब पार
मानसून की हो रही बारिश के कारण नुक्सान का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। 10 दिनों में मानसून की वर्षा से नुक्सान का आंकड़ा 2.74 अरब पार हो गया है। इसमें जल शक्ति विभाग को 100.97, लो.नि.वि. को 144.04, विद्युत बोर्ड को 91.84, बागवानी विभाग को 26.22 और शहरी विकास विभाग को 38.10 करोड़ की चपत लग चुकी है। इस दौरान 28 लोगों की मौत और 63 लोग घायल हुए हैं। भूस्खलन की 10, बादल फटने की 1 और बाढ़ आने की 10 घटनाएं हुई हैं।