Edited By Jyoti M, Updated: 02 May, 2025 11:33 AM

हिमाचल प्रदेश के ऊंचे इलाकों में मौसम ने करवट ली, जिससे कई स्थानों पर बर्फबारी और ओलावृष्टि हुई। लाहौल स्पीति की चोटियों, बारालाचा, कुंजुम और रोहतांग में हल्का हिमपात हुआ, जिससे तापमान में गिरावट आई। इसके साथ ही, शिमला, सोलन, मंडी, हमीरपुर और...
हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश के ऊंचे इलाकों में मौसम ने करवट ली, जिससे कई स्थानों पर बर्फबारी और ओलावृष्टि हुई। लाहौल स्पीति की चोटियों, बारालाचा, कुंजुम और रोहतांग में हल्का हिमपात हुआ, जिससे तापमान में गिरावट आई। इसके साथ ही, शिमला, सोलन, मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा जिलों के कई क्षेत्रों में तेज बारिश और ओलावृष्टि दर्ज की गई।
इस बेमौसम की मार से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। सेब और अन्य फलों के बागानों के साथ-साथ टमाटर और सब्जियों की फसलें भी प्रभावित हुई हैं। खेतों में पकने के करीब खड़ी गेहूं की फसल को भी ओलों और तेज हवाओं ने क्षति पहुंचाई है। किसानों के लिए यह समय काफी मुश्किल भरा साबित हो रहा है, क्योंकि यह फसल कटाई का मौसम है और इस तरह की प्राकृतिक आपदा से उनकी मेहनत पर पानी फिर गया है।
शिमला जिले के कुफरी, ठियोग, जुब्बल, कोटखाई और रोहड़ू जैसे ऊपरी इलाकों में भी ओलावृष्टि की खबरें हैं। पड़ोसी जिले सिरमौर के कुछ स्थानों पर भी इसी तरह का मौसम देखने को मिला। हालांकि, मनाली में सिर्फ वर्षा हुई, जिससे वहां का मौसम सुहावना बना रहा और पर्यटकों ने इस बदले हुए मौसम का आनंद लिया।
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों के लिए भी पूर्वानुमान जारी किया है। विभाग के अनुसार, मई के महीने में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है। इसके साथ ही, इस दौरान गर्म हवाएं भी चल सकती हैं, जिससे गर्मी का अहसास भी बढ़ेगा। यह एक विरोधाभासी स्थिति है, जहां एक तरफ बारिश से ठंडक रहेगी, वहीं दूसरी तरफ गर्मी भी महसूस की जाएगी।
मौसम विभाग ने यह भी जानकारी दी है कि छह मई से एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने वाला है। इसके प्रभाव से 50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से आंधी चलने और ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी और वर्षा की संभावना जताई गई है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे मौसम के पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए अपनी योजनाओं में बदलाव करें और सुरक्षित रहें।
लाहौल स्पीति जिले में उदयपुर-किलाड़ मार्ग पर दरेड़ नाला के पास बुधवार देर रात हिमस्खलन होने से सड़क बंद हो गई। इस घटना के कारण मनाली का किलाड़ से संपर्क टूट गया। मार्ग बंद होने की सूचना मिलते ही सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) तुरंत सड़क बहाली के काम में जुट गया, ताकि जल्द से जल्द यातायात फिर से शुरू किया जा सके। इस मार्ग का सामरिक महत्व भी है, इसलिए इसे जल्द खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस अप्रत्याशित मौसम ने प्रदेश के कई हिस्सों में जनजीवन को प्रभावित किया है। किसानों और बागवानों को हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है और उम्मीद है कि सरकार उन्हें राहत पहुंचाने के लिए कदम उठाएगी।