Edited By Kuldeep, Updated: 06 Sep, 2025 10:46 PM

राज्य सरकार ने पूर्व भाजपा सरकार के फैसले को पलटते हुए हजारों कर्मचारियों को बड़ा झटका दिया है। इसके तहत कर्मचारियों को दिए गए हायर ग्रेड-पे काे वापस ले लिया गया है।
शिमला (कुलदीप): राज्य सरकार ने पूर्व भाजपा सरकार के फैसले को पलटते हुए हजारों कर्मचारियों को बड़ा झटका दिया है। इसके तहत कर्मचारियों को दिए गए हायर ग्रेड-पे काे वापस ले लिया गया है। यानी 6-9-2022 को जारी की गई अधिसूचना, जिसमें 3 जनवरी, 2022 से पहले नियुक्त हुए 89 श्रेणियों के विभिन्न कर्मचारियों को 2 वर्ष का नियमित कार्यकाल पूर्ण करने पर उच्च वेतनमान दिया गया था। वित्त विभाग ने अधिसूचना जारी करके यह लाभ वापस ले लिया है। इसके अनुसार इन कर्मचारियों का पुनः वेतन निर्धारित किया जाएगा, जिससे एक कर्मचारी को प्रतिमाह 10 हजार से 15 हजार रुपए तक का वित्तीय नुक्सान होगा। इसके बावजूद अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि इस अवधि की इनसे रिकवरी नहीं होगी।
अधिसूचना के जारी होने के बाद हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष संजीव शर्मा की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में आगामी 8 सितम्बर को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्य सचिव एवं प्रधान सचिव वित्त से मिलकर विरोध जताने और इसे तुरंत प्रभाव से वापस लेने की मांग की जाएगी। उधर, निदेशालय भू अभिलेख अराजपत्रित कर्मचारी यूनियन की प्रधान सृष्टि चौहान ने निदेशक लैंड रिकार्ड अभिषेक वर्मा को ज्ञापन सौंपकर इस पर आपत्ति जताई। यूनियन का कहना है कि यदि 8 सितम्बर तक इस संशोधन को वापस नहीं लिया गया तो वह कलम बंद हड़ताल पर जाएंगे।
साथ ही संयुक्त पटवारी व कानूनगो एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश के प्रदेश महासचिव चंद्र मोहन ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आपत्ति जताई है। संघ ने इस पर कहा कि यदि यह निर्णय वापस नहीं लिया तो 8 सितम्बर से पैन डाऊन स्ट्राइक पर जाने की धमकी दी है। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि वित्त विभाग ने जो संशोधन किया है, उसे जनवरी, 2022 से लागू किया है। उन्होंने इस निर्णय को अन्यायपूर्ण बताया तथा कहा कि इससे हजारों कर्मचारियों को नुक्सान होगा। उनका कहना है कि वित्त विभाग को यह निर्णय लेने से पहले प्रभावित कर्मचारियों के प्रतिनिधियों से बात करनी चाहिए थी।