Edited By Kuldeep, Updated: 24 Aug, 2024 05:47 PM
शिक्षा विभाग सभी जिलों में स्कूलों को गोद लेने के लिए 15 दिनों तक अभियान चलाएगा। इसके तहत जिलों में राजनेताओं, अधिकारी, सेवानिवृत्त अधिकारी और पुराने छात्रों को सरकारी स्कूलों को गोद लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
शिमला (प्रीति): शिक्षा विभाग सभी जिलों में स्कूलों को गोद लेने के लिए 15 दिनों तक अभियान चलाएगा। इसके तहत जिलों में राजनेताओं, अधिकारी, सेवानिवृत्त अधिकारी और पुराने छात्रों को सरकारी स्कूलों को गोद लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। विभाग ने सभी जिला उप निदेशकों को इस मामले को गंभीरता से लेने को कहा है। साथ ही इस महीने के अंत तक इसकी रिपोर्ट भी देने को कहा है। इसी कड़ी में जिलों में शिक्षा उप निदेशकों की अध्यक्षता में स्कूल और कालेजों के प्रमुखों की एक बैठक होगी।
इस बैठक में शामिल शिक्षा उप निदेशक, प्रोफैसर, प्रधानाचार्यों, व्याख्याताओं और शिक्षकों को अपनी पसंद का एक स्कूल गोद लेने का आग्रह किया जाएगा। इसके अलावा जिलों को समुदाय के लोगों, सेवानिवृत्त अधिकारियों, वरिष्ठ नौकरशाहों, दानदाताओं, पूर्व छात्रों द्वारा स्कूल को गोद लेने के लिए प्रोत्साहित करना होगा। स्कूल गोद लेने के कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रतिनिधियों, नेताओं और कुशल पेशेवरों के बीच एक सहक्रियात्मक साझेदारी बनाना है, ताकि सरकारी स्कूलों के सुधार में सामूहिक रूप से योगदान दिया जा सके और सामुदायिक सहायता भागीदारी के माध्यम से स्कूलों में बुनियादी ढांचे, संसाधन बेहतर हो सकेंगे।
30 तक भेजें स्कूल गोद लेने वालों की सूची
इस दौरान विभाग ने जिला में स्कूलों को गोद लेने वालों के नाम की सूची 30 अगस्त तक भेजने को कहा है। हालांकि अभी तक प्रदेश के किसी भी जिला से स्कूलों को गोद लेने वालों के नाम सामने नहीं आए हैं। न कोई राजनेता और न ही कोई अधिकारी स्कूलों को गोद लेने के आगे आए हैं। इसके चलते विभाग ने जिलों को यह अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।