Edited By Jyoti M, Updated: 30 Dec, 2024 09:24 AM
हिमाचल प्रदेश में बारिश व बर्फबारी के बाद बीज के आलू की मांग बढ़ गई है। अभी तक सूखे के कारण किसान बीज के आलू खरीदने में रुचि नहीं दिखा रहे थे, क्योंकि सूखे के कारण आलू बीजना घाटे का सौदा हो सकता था। उधर, राज्य में मंडियों के साथ-साथ कृषि विभाग...
शिमला, (भूपिन्द्र): हिमाचल प्रदेश में बारिश व बर्फबारी के बाद बीज के आलू की मांग बढ़ गई है। अभी तक सूखे के कारण किसान बीज के आलू खरीदने में रुचि नहीं दिखा रहे थे, क्योंकि सूखे के कारण आलू बीजना घाटे का सौदा हो सकता था। उधर, राज्य में मंडियों के साथ-साथ कृषि विभाग किसानों को बीज के आलू मुहैया करवा रहा है।
बाजार में बीज का आलू क्वालिटी के हिसाब से 20 से 35 रुपए प्रति किलो की दर से बिक रहा है। राज्य में अधिकांश बीज का आलू मनाली से आ रहा है। इसके अलावा अन्य स्थानों से भी बीज के आलू की पैदावार होती है। हिमाचल प्रदेश में 16,960 हैक्टेयर क्षेत्र में आलू की पैदावार होती है। राज्य में हर वर्ष औसतन करीब 2,38,317 मीट्रिक टन आलू का उत्पादन होता है।
इसके अलावा राज्य में बारिश व बर्फबारी के बाद गेहूं की बिजाई भी किसानों ने शुरू कर दी है। साथ ही बगीचों में सेब व अन्य फलों के पौधे लगाने का कार्य भी बागवानों ने शुरू कर दिया है। इसके साथ ही आलू के साथ-साथ सेब व अन्य फलों के पौधों की भी मांग बढ़ेगी, क्योंकि सूखा होने के कारण बागवान सेब व अन्य फलों के पौधे खरीदने से कतरा रहे थे।