Edited By Kuldeep, Updated: 26 Jun, 2023 10:01 PM

केंद्र सरकार द्वारा वॉशिंगटन एप्पल पर आयात शुल्क को 70 फीसदी से घटाकर 50 फीसदी करने के फैसला हिमाचल प्रदेश के सेब बागवानों के हितों के खिलाफ है।
शिमला (भूपिन्द्र): केंद्र सरकार द्वारा वॉशिंगटन एप्पल पर आयात शुल्क को 70 फीसदी से घटाकर 50 फीसदी करने के फैसला हिमाचल प्रदेश के सेब बागवानों के हितों के खिलाफ है। इससे हिमाचल के सेब बागवानों को नुक्सान होगा तथा हिमाचली सेब का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा। मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रदेश के बागवान सभी प्रकार के विदेशी सेब पर आयात शुल्क को 100 फीसदी करने की लंबे समय से मांग करते आ रहे हैं। लेकिन केंद्र सरकार ने आयात शुल्क बढ़ाना तो दूर वॉशिंगटन एप्पल पर आयात शुल्क को 20 फीसदी घटा दिया, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे इस मामले को केन्द्र सरकार के साथ उठाएंगे और सभी प्रकार के विदेशी सेब पर लगने वाले आयात शुल्क को बढ़ाकर 100 फीसदी करने की मांग करेंगे। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के सेब बागवानों के हितों को देखते हुए केन्द्र सरकार से अपने इस फैसले पर पुन: विचार करने की अपील की है।
चुनावों में किए वायदे को दिलाया याद
सुक्खू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान किए वायदे को याद दिलाया तथा कहा कि मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान विदेशी सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने और सभी प्रकार के कोल्ड ड्रिंक्स में 5 प्रतिशत सेब का कंस्ट्रेट मिलाने का वायदा किया था। लेकिन, अब केन्द्र सरकार ने इसके विपरीत वॉशिंगटन एप्पल पर आयात शुल्क घटा दिया है, जिससे हिमाचल के सेब की मांग कम होगी और बागवानों को नुक्सान उठाना पड़ेगा।