नगर निगम के हाऊस में पानी के भारी-भरकम बिलों पर पार्षदों ने किया हंगामा

Edited By Vijay, Updated: 28 Nov, 2020 06:41 PM

ruckus in house of municipal corporation

शिमला जल प्रबंधन कंपनी ने शहर के हजारों उपभोक्ताओं को पानी के भारी भरकम बिल जारी किए हैं, जिसे देख उपभोक्ताओं के होश उड़ गए हैं। लाखों रुपए के बिल जारी होने पर शनिवार को नगर निगम हाऊस में पार्षदों ने मामले पर जमकर हंगामा किया। पार्षदों ने कंपनी...

शिमला (वंदना): शिमला जल प्रबंधन कंपनी ने शहर के हजारों उपभोक्ताओं को पानी के भारी भरकम बिल जारी किए हैं, जिसे देख उपभोक्ताओं के होश उड़ गए हैं। लाखों रुपए के बिल जारी होने पर शनिवार को नगर निगम हाऊस में पार्षदों ने मामले पर जमकर हंगामा किया। पार्षदों ने कंपनी प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कंपनी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए। पार्षदों का कहना था कि उपभोक्ताओं को एक साथ 8 महीनों के बिल जारी कर दिए हैं, जोकि लाखों में हैं इससे जनता की परेशानी बढ़ गई है। बिलों में भारी गड़बड़ी है, जिसे तुरंत दुरुस्त किया जाना चाहिए। निगम पार्षदों दिवाकर देव, राकेश चौहान, सुनीलधर, संजीव ठाकुर, आरती चौहान, कुसुम सदरेट व कमलेश मेहता समेत अन्य पार्षदों ने कहा कि लोगों को बहुत अधिक बिल थमाए गए हैं, इससे लोगों पर आर्थिक बोझ पड़ गया है। जनता बिलों को देख परेशान है। पार्षदों ने आरोप लगाया कि बिलों में भारी गड़बडिय़ां हैं, ऐसे में बिलों को दुरुस्त करवाने के लिए अब लोगों को कंपनी कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। सदन में पार्षदों के विरोध देखते हुए कंपनी प्रबंधन की ओर से लोगों के बिलों से संबंधित शिकायतों का निपटारा करने के लिए एक अलग से ग्रैवियंस सैल बनाने का फैसला लिया गया है।
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बिल का किस्तों में भुगतान कर सकेंगे उपभोक्ता

वहीं कंपनी ने उपभोक्ताओं से किश्तों में बिल का भुगतान करने का निर्णय लिया है। कंपनी का कहना है कि लोग बिल को किश्तों में जमा करवा सकते हैं, साथ ही बिल पर किसी भी तरह का सरचार्ज वसूल नहीं किया जाएगा। कंपनी प्रबंधन ने नए साल से हर महीने पानी के बिल जारी करने का भी दावा किया है। मेयर सत्या कौंडल ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि कंपनी की ओर से बहुत अधिक बिल लोगों को जारी किए गए हैं। ऐसे में कंपनी हर महीने लोगों को बिल जारी करे, ताकि लोगों को भारी भरकम बिलों से राहत मिल सके। शनिवार को नगर निगम की मासिक बैठक वीडियो कॉन्फै्रंसिंग व ऑफलाइन दोनों ही माध्यमों से आयोजित की गई। ज्यादातर पार्षद ऑनलाइन ही बैठक से जुड़े। बैठक में आयुक्त आशीष कोहली, अतिरिक्त आयुक्त अजीत भारद्वाज समेत अन्य विभागों के विभागाध्यक्ष मौजूद रहे।

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शहर की कार पार्किंग का अब ओपन बोली से होगा आबंटन

राजधानी में नगर निगम की विभिन्न स्थानों पर बनाई गई रोड साइड, घरेलू व अन्य छोटी बड़ी कार पार्किंग्स का आबंटन अब ओपन बोली से होगा। शिमला में करीबन 30 जगहों पर 724 वाहनों की कार पार्किंग्स के लिए बार-बार टैंडर फेल होने के बाद प्रशासन ने इसे खुली बोली से आबंटित करने का फैसला लिया है, साथ ही इन पार्किंग्स की धरोहर व आरक्षित राशि में भी कटौती की जाएगी ताकि एमसी की इन पार्किंग का आबंटन हो सके। निगम की इन पार्किंग्स के लिए पिछले कई सालों से ठेकेदार नहीं मिल रहा है। इसके चलते निगम को स्वयं ही इन पार्किंग्स का संचालन करना पड़ रहा है। एमसी ने शहर की रोड साइड, घरेलू व अन्य 30 छोटी बड़ी कार पार्किंगों को ओपन बोली से आबंटित करने का फैसला लिया है। इसमें रोड साइड पार्किंग खलीनी, जोधा निवास, अमर भवन जाखू, मैट्रोपोल कार पार्किंग कार्ट रोड, एसडीए कॉम्पलैक्स कसुम्पटी, रैन बसेरा पार्किंग, चौड़ा मैदान, लॉन्गवुड, कैथू, न्यू शिमला सामुदायिक भवन, न्यू शिमला सैक्टर दो, पंचायती राज कार पार्किंग एसडीए काम्पलैक्स कसुम्पटी, फिंगास्क इस्टेट, जाखू मंदिर, अनाडेल, फौजी ढाबा न्यू शिमला, स्टोक्स प्लेस बैनमोर, पुलिस लाइन कैथू, कालीबाड़ी रोड साइड पार्किंग, टूटीकंडी, यूएस क्लब रोड साइड पार्किंग इत्यादि शामिल हैं।

सब्जी मंडी को दाडऩी के बगीचे में शिफ्ट करने को लीज पर जमीन देगा नगर निगम

शहर की सब्जी मंडी को शहर बाहर दाडऩी के बगीचे में शिफ्ट करने के लिए प्रदेश कृषि विपणन मार्केटिंग बोर्ड और मार्कीट कमेटी ढली व एचपीएमसी को नगर निगम लीज पर जमीन देगा। बोर्ड की ओर से नगर निगम ने एनओसी मांगी गई थी लेकिन बैठक में सशर्त एनओसी देने का फैसला लिया गया है। इसके तहत नगर निगम दाडऩी के बगीचे में सब्जी मंडी के निर्माण के लिए जमीन देगा, लेकिन जमीन पर कब्जा नगर निगम का ही रहेगा।

पट्टाधारकों के वारिसों के नाम होगी दुकानें, रिन्यू होगी लीज

शहर में नगर निगम ने अपनी संपत्तियों दुकानों स्टालों को 99 साल की लीज पर कारोबारियों को दे रखा है। इसके एवज में निगम को सालाना किराया कारोबारी देते हैं, लेकिन कई मामले ऐसे हैं जिसमें पट्टाधारक की मृत्यु हो चुकी है जबकि दुकानें पट्टाधारक के नाम पर ही है। ऐसे में नगर निगम अब जिन पट्टाधारकों की मौत हो चुकी है, उनके वारिसों के नाम दुकानें करने जा रहा है। लंबे समय से सैंकड़ों मामले लंबित पड़े हैं, जिनमें सालों पहले पट्टाधारक की मौत हो चुकी है, लेकिन दुकान की लीज डीड उक्त पट्टाधारकों के नाम पर ही है, ऐसे में लीज भी रिन्यू नहीं हो पा रही है लेकिन अब प्रशासन दुकानों की लीज पट्टाधारकों के वारिसों के नाम करने जा रही है ताकि लीज का नवीनीकरण हो सके।

निगम के पास 100 से अधिक मामले

निगम के पास 100 से अधिक ऐसे मामले हैं जिसमें लीज डीड को रिन्यू नहीं किया गया है। रिकॉर्ड खंगालने के बाद पता चला कि निगम दुकानों की लीज सालों से रिन्यू नहीं हो पाई है क्योंकि दुकानों की लीज जिस कारोबारी के साथ साइन की गई थी उसकी मौत सालों पहले हो गई है, ऐसे में पट्टाधारकों के वारिसों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में कारोबारियों ने मांग की थी दुकानों को पट्टाधाकरों के वारिसों के नाम किया जाए। ऐसे में अब प्रशासन ने निर्णय लिया है कि जल्द ही लीज को रिन्यू कर दिया जाएगा, साथ ही पट्टाधारक के वारिसों के नाम दुकान को कर दिया जाएगा।

गुजरात से बुलाए जाएंगे इंजीनियर

कनलोग स्थित श्मशानघाट में इलैक्ट्रिक मशीन जिससे शव का दाह संस्कार किया जाता है उसके खराब होने को लेकर गुजरात से इंजीनियर बुलाने को निर्णय लिया गया है ताकि इलैक्ट्रिक सिस्टम को शुरू किया जा सके। इसके अलावा हीरानगर और बाग गांव में एक पुराना श्मशानघाट था, जहां पर शवदाह किया जाता है, ऐसे में स्थानीय लोगों की मांग पर हीरानगर व बाग गांव के पानी के टैंक  के नीचे पुराने स्थान पर श्मशानघाट का निर्माण करने को निर्णय लिया गया है।

वार्ड सीमा को लेकर आपस में उलझे पार्षद

बैठक में कसुम्पटी से पार्षद राकेश चौहान व पूर्व डिप्टी मेयर राकेश शर्मा आपस में उलझ पड़े। बैठक में दोनों के बीच काफी तू-तू मैं-मैं हुई, जिससे माहौल काफी गर्मा गया। दोनों के बीच वार्ड की सीमा को लेकर बहसबाजी हुई। हालांकि बाद में मामले को सुलझा लिया गया।

बैठक में यह भी लिए गए निर्णय

- संजौली चौक से नॉर्थ ऑक तक सड़क को चौड़ा किया जाएगा। इसके लिए 25 लाख रुपए के एस्टीमेट को मंजूरी दी गई।
- एसपीएम स्कूल संजौली व हैप्पी मॉडल समेत कई अन्य स्कूलों को एमसी ग्राऊंड संजौली का सशर्त प्रयोग करने के लिए एनओसी दी गई।
- सोलिड वेस्ट मैनेजमैंट के तहत वाहनों की खरीद के लिए 58 लाख 88 हजार रुपए की दूसरी किश्त को मंजूरी दी गई।
- स्मार्ट सिटी के तहत लोअर बाजार, गंज बाजार सब्जी मंडी में दुकानों को तोडऩे को मंजूरी दी गई।
- टाऊन हाल के लिए विद्युत आपूर्ति के लिए 69 लाख 38 हजार 870 रुपए के एस्टीमेट को स्वीकृति दी गई।
-गलैन कर्व से गवाही पानी की बावड़ी तक एम्बुलैंस रोड के निर्माण को 40 लाख 66 हजार रुपए के एस्टीमेट को स्वीकृति दी गई।
- कच्चीघाटी में क ाली माता मंदिर से एमसी लिमिट रास्ते तक सीसी फ्लोरिंग करने के लिए 22 लाख का अनुमान पत्र को स्वीकृति दी गई।
- हाऊसिंग बोर्ड कालोनी में सड़क को चौड़ा करने के लिए स्मार्ट सिटी से 36 लाख 90 हजार का एस्टीमेट पारित किया गया।
- नगर निगम शिमला की सीमा के भीतर निजी भवनों पर विज्ञापन पट्ट लगाने को निर्णय लिया गया।
- अग्निशमन विभाग को पदमदेव कॉम्पलैक्स परिसर में कार्यालय के लिए जगह उपलब्ध करवाने पर चर्चा हुई।
- टाऊन हाल के ग्राऊंड फ्लोर में कमर्शियल गतिविधियों के लिए 4 दिसम्बर तक बढ़ाई टैंडर तिथि।

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