Edited By Jyoti M, Updated: 14 Dec, 2025 10:33 AM

हिमाचल प्रदेश के ऊँचे क्षेत्रों में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है, जहाँ आज यानी रविवार को बारिश और ताज़ी बर्फबारी होने का अनुमान है। पहाड़ों की रानी शिमला सहित राज्य के अधिकांश हिस्सों में शनिवार को पूरे दिन आसमान बादलों से ढका रहा, जिसके चलते...
हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश के ऊँचे क्षेत्रों में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है, जहाँ आज यानी रविवार को बारिश और ताज़ी बर्फबारी होने का अनुमान है। पहाड़ों की रानी शिमला सहित राज्य के अधिकांश हिस्सों में शनिवार को पूरे दिन आसमान बादलों से ढका रहा, जिसके चलते अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई और ठिठुरन बढ़ गई।
बर्फ का पहला स्पर्श और तापमान में गिरावट
शनिवार शाम को मनाली-लेह मार्ग के दुर्गम दर्रों जैसे बारालाचा और शिंकुला के साथ-साथ ऊँची चोटियों पर बर्फ के फाहे गिरने शुरू हो गए। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण आज लाहौल-स्पीति, चंबा, कुल्लू और कांगड़ा के धौलाधार रेंज में भारी हिमपात की संभावना है। हालांकि, 15 दिसंबर से मौसम के साफ होने की उम्मीद है।
सड़क सुरक्षा के लिए बड़ा फैसला
बर्फबारी और सुरक्षा को देखते हुए, कुल्लू ज़िला प्रशासन ने मनाली-दारचा सड़क पर यातायात को प्रतिबंधित कर दिया है। यह मार्ग आज यानी 14 दिसंबर और कल 15 दिसंबर 2025 को रात 9:30 बजे से सुबह 05:30 बजे तक वाहनों की आवाजाही के लिए बंद रहेगा।
इधर, रात का तापमान लगातार गिर रहा है। शुक्रवार की रात को राज्य के 11 स्थानों पर न्यूनतम पारा 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया, जिसमें ताबो में यह माइनस 6.2 डिग्री तक पहुँच गया था। इसके अलावा, बिलासपुर और मंडी जिलों के कुछ क्षेत्रों में सुबह और शाम के वक्त घना कोहरा छाया रहा, जिसके लिए आज के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
सूखे की मार: आसमान ताक रहे किसान
एक तरफ जहाँ पहाड़ों पर बर्फबारी की आहट है, वहीं दूसरी ओर राज्य गंभीर सूखे जैसी स्थिति का सामना कर रहा है। दिसंबर महीने में 13 तारीख तक हिमाचल के किसी भी इलाके में सामान्य बारिश दर्ज नहीं हुई है, और यह आँकड़ा सामान्य से 100% कम चल रहा है। नवंबर में भी बारिश में 99 फ़ीसदी की कमी थी।
बारिश न होने से खेतों में नमी की भारी कमी हो गई है, जिसके कारण रबी की फसलों की बिजाई का काम रुका हुआ है। प्रदेश के किसान और बागवान अब बस बारिश की एक बूँद के लिए आसमान की ओर टकटकी लगाए हुए हैं, क्योंकि यह सूखा उनकी आजीविका के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है।