भूंडा महायज्ञ: 70 वर्षीय सूरत राम ने रस्सी के सहारे नौंवी बार पार की मौत की घाटी

Edited By Kuldeep, Updated: 04 Jan, 2025 10:05 PM

rohru bhunda maha yagya ritual

रोहड़ू की स्पैल वैली के दलगांव में देवता बकरालू जी महाराज के मंदिर में आयोजित हो रहे भूंडा महायज्ञ में शनिवार को बेड़े की रस्म पूरी हुई। इसके तहत 70 वर्षीय सूरत राम ने रस्सी के सहारे नौंवी बार मौत की घाटी को पार किया।

रोहड़ू(शिमला) (राक्टा/कुठियाला): रोहड़ू की स्पैल वैली के दलगांव में देवता बकरालू जी महाराज के मंदिर में आयोजित हो रहे भूंडा महायज्ञ में शनिवार को बेड़े की रस्म पूरी हुई। इसके तहत 70 वर्षीय सूरत राम ने रस्सी के सहारे नौंवी बार मौत की घाटी को पार किया। हालांकि पहले दिव्य रस्सी बांधते हुए एक कोने से टूट गई। ऐसे में कुछ समय के लिए तैयारियों में व्यवधान पड़ा और बाद में मंदिर कमेटी ने दूरी को कम करते हुए रस्म को पूरा किया। इससे पहले पूरे विधि-विधान के साथ देवता के रथ में सवार होकर सूरत राम सफेद पोशाक में बेड़े की रस्म करने के लिए तय स्थान पर पहुंचे।

जैसे ही वह रस्सी के सहारे दूसरी तरफ को जाने लगे तो बेड़ा बीच में फंस गया। करीब 4 से 5 मिनट तक बेड़ा बीच में फंसा रहा। इसके बाद उसे रस्सी से खींच कर रस्म को पूरा किया गया। एक आकलन के अनुसार 1.50 लाख से अधिक लोग देव आस्था के इस महायज्ञ के साक्षी बने और पूरा क्षेत्र देव जयकारों, ढोल-नगाड़ों की धुन व नाटियों से गूंजता रहा।

300 लोगों ने कंधे पर उठाकर पहुंचाई दिव्य रस्सी
रात भर पानी में भिगोने को रखे दिव्य रस्सी के बेड़े को सुबह के समय 300 से अधिक लोगों ने कंधों पर उठाकर आयोजन स्थल तक पहुंचाया और रस्सी काे नाले के आर-पार बांधा। बेड़े की रस्म को देखने के लिए भूंडा महायज्ञ में महाकुंभ जैसा नजारा देखने को मिला।

40 साल पहले 25 साल की उम्र में रस्म निभाई थी सूरत ने
बकरालू जी महाराज के मंदिर में आयोजित हो रहे भूंडा महायज्ञ में सूरत राम (70) को बेड़े की भूमिका निभाने का दूसरी बार मौका मिला। 40 वर्ष पूर्व 1985 में बकरालू जी महाराज के मंदिर में इससे पहले भूंडा यज्ञ हुआ था, उस दौरान सूरत राम 25 साल के थे और उन्होंने ही उस दौरान भी बेड़े की भूमिका निभाई थी। सूरत राम ने बताया कि प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर होने वाले भूंडा महायज्ञ के तहत अब तक वह 9 बार बेड़े की भूमिका निभा चुके हैं।

200 मीटर की गई दूरी
सूचना के अनुसार पहले सूरत राम ने करीब 400 मीटर की दूरी बिना रस्सी को पकड़े पूरी करनी थी, लेकिन बांधते वक्त उसके टूटने से दूरी को करीब 200 मीटर कम कर दिया गया। रस्सी टूटने की सूचना के चलते कुछ लोग वापस भी लौट गए। एक तरह से रस्सी के टूटने को शुभ नहीं माना जाता। हालांकि लोगों का भी यह कहना था कि यदि बेड़े के समय ऐसा होता तो कुछ भी हो सकता था।

ये देवता पहुंचे
मेहमान देवता बौंद्रा, देवता मोहरिश, देवता महेश्वर गांव के साथ अलग-अलग तंबुओं में हजारों की संख्या में खुद लोगों के साथ ठहरे हैं। साथ ही इस महायज्ञ में 3 स्थानीय देवता और 3 परशुराम भी शामिल हुए हैं। दलगांव में भूंडा महायज्ञ 2 जनवरी से शुरू हुआ था। ये महायज्ञ 5 जनवरी तक चलेगा। भूंडा महायज्ञ में 9 गांवों दलगांव, ब्रेटली, खशकंडी, कुटाड़ा, बुठाड़ा, गांवना, खोडसू, करालश व भमनोली के ग्रामीण भाग ले रहे हैं।

मूंजी को माता सीता के केश भी माना जाता
भूंडा महायज्ञ में बेड़ा की रस्म सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसके लिए जो रस्सी तैयार की जाती है, वह दिव्य होती है और इसे मूंजी भी कहा जाता है। साथ ही इस माता सीता के केश से जोड़कर देखा जाता है। सूरत राम ने बताया कि इस रस्सी को तैयार करने में कई महीने लग जाते हैं। ये विशेष प्रकार के नर्म घास की बनी होती है। इसे खाई के 2 सिरों के बीच बांधा जाता है। रस्सी को तैयार करने में करीब 3 माह का समय लगा और यह बहुत मजबूती होती है।

वर्ष 1962 में निरमंड में टूट गया था रस्सा
वर्ष 1962 में कुल्लू जिले के निरमंड में आयोजित भूंडा महायज्ञ के तीसरे दिन बेड़ा डालने के लिए आयोजन स्थल पर रस्से को कसा जा रहा था, लेकिन लोगों के भारी जोर के कारण रस्सा टूट गया था। इसके बाद अनुष्ठान बेड़ा आरोहण संपन्न किया गया। ऐसा ही नजारा इस बार दलगांव में आयोजित भूंडा महायज्ञ में देखने को मिला।

आज उछड़-पाछड़ की रस्म के साथ देवताओं की होगी विदाई
रोहड़ू की स्पैल वैली के दलगांव में देवता बकरालू जी महाराज के मंदिर में आयोजित हो रहे भूंडा महायज्ञ के तहत रविवार को देवताओं की विदाई का कार्यक्रम उछड़-पाछड़ होगा। इसके बाद भूंडा महायज्ञ संपन्न हो जाएगा। रस्सी से एक तरफ से दूसरी तरफ जाते समय कोई अप्रिय मामला सामने न आए, उसके लिए बाकायदा जाला लगाया गया था।

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!