Edited By Vijay, Updated: 02 Jan, 2025 11:18 PM
संघेडा कार्यक्रम के साथ देवता बकरालू महाराज दलगांव का भूंडा महायज्ञ वीरवार से शुरू हो गया है। 4 दिन तक चलने वाले इस भूंडा महायज्ञ के पहले दिन मेहमान देवताओं का आवागमन हुआ...
रोहड़ू (शिमला) (कुठियाला): संघेडा कार्यक्रम के साथ देवता बकरालू महाराज दलगांव का भूंडा महायज्ञ वीरवार से शुरू हो गया है। 4 दिन तक चलने वाले इस भूंडा महायज्ञ के पहले दिन मेहमान देवताओं का आवागमन हुआ, जिसमें मंडलगढ़ क्षेत्र के देवता बौंद्रा महाराज, देवता महेश्वर महाराज पुजारली तथा देवता मोहरिश महाराज रंटाडी अपने-अपने हजारों देवलुओं के साथ दलगांव स्थित देवता बकरालू महाराज के मंदिर के प्रांगण में पहुंचे। इसके साथ ही परशुराम गुम्मा, परशुराम अन्द्रेवठी व परशुराम खशकंडी भी भूंडा महायज्ञ में दलगांव पहुंचे हैं। सबसे पहले मंडलगढ़ क्षेत्र के देवता बौंद्रा महाराज दलगांव मंदिर प्रांगण में पधारे तथा देवता बकरालू महाराज से मुलाकात की। उसके पश्चात देवता महेश्वर और देवता मंदिर प्रांगण में पहुंचे तथा वह भी स्थानीय देवता बकरालू महाराज से मिले। देवताओं का यह मिलन लोगों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा।
पहले दिन निभाई रास मंडल की रस्म
पहले दिन छबडछनी कार्यक्रम (रास मंडल) की रस्म को निभाया गया, जिसको देखने के लिए लोग काफी संख्या में देर सायं तक मंदिर प्रांगण में डटे रहे। भूंडा महायज्ञ के दूसरे दिन शुक्रवार को शिखा पूजन की रस्म होगी, जबकि तीसरे दिन भूंडा महायज्ञ की सबसे महत्वपूर्ण रस्म बेड़ा की रस्म को निभाया जाएगा तथा अंतिम दिन देवताओं की विदाई के साथ यह महायज्ञ भी संपन्न हो जाएगा।
40 साल बाद हो रहा महायज्ञ
गौरतलब है कि स्पैल वैली के दलगांव में 40 वर्षों बाद देवता बकरालू महाराज का भूंडा महायज्ञ आयोजित हो रहा है, जिसको देखने के लिए न सिर्फ लाखों लोग दलगांव पहुंच रहे हैं, बल्कि दैवीय अनुष्ठान में सबसे बड़े अनुष्ठान माने जाने वाले इस भूंडा महायज्ञ में स्पैल वैली के 9 गांवों के लोग 100 करोड़ से भी अधिक खर्च कर रहे हैं।
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