Edited By Kuldeep, Updated: 05 Jan, 2025 06:51 PM
उपमंडल रोहड़ू की स्पैल वैली के दलगांव में 40 साल बाद आयोजित हुए देवता बकरालू महाराज के ऐतिहासिक भूंडा महायज्ञ का रविवार को उछड़-पाछड़ के साथ समापन हो गया।
रोहड़ू (शिमला) (कुठियाला): उपमंडल रोहड़ू की स्पैल वैली के दलगांव में 40 साल बाद आयोजित हुए देवता बकरालू महाराज के ऐतिहासिक भूंडा महायज्ञ का रविवार को उछड़-पाछड़ के साथ समापन हो गया। 4 दिनों तक चले इस भूंडा महायज्ञ के अंतिम दिन उछड़-पाछड़ के अवसर पर सभी मेहमान देवता जिसमें समरैइक क्षेत्र के देवता महेश्वर महाराज, मंडलगढ़ क्षेत्र के देवता बौंद्रा महाराज तथा रंटाडी के देवता मोहरिष महाराज सहित परशुराम गुम्मा, परशुराम अंध्रेवठी एवं परशुराम खशकंडी ने मेजवान देवता बकरालू महाराज से देव मिलन किया और अपने-अपने गंतव्य को विदा हुए।
इस अवसर पर दलगांव स्थित देवता में बकरालू महाराज के प्रांगण में मंडप लिखा गया था जिसमें ब्राह्मणों के मंत्रोचारण व विधि विधान के साथ मंडप लिखने की प्रक्रिया पूरी की गई। दोपहर बाद सभी मेहमान देवता एवं परशुराम अपने अपने ढेरों से अपने देवलुओं के साथ नृत्य करते हुए मंदिर प्रांगण तक पहुंचे तथा मंदिर प्रांगण में धूड पीटने की अंतिम रस्म पूरी की गई और मेजबान देवता बकरालू महाराज के साथ मिलन कर सभी देवता, परशुराम व हजारों देवलू अपने-अपने घर को विदा हो गए।
स्पैल वैली का भूंडा महायज्ञ का आयोजन रहा ऐतिहासिक
चार दिन का भूंडा महायज्ञ हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड के आज तक के आयोजनों में ऐतिहासिक रहा। आज तक के इतिहास में दोनों राज्यों में आयोजित हुए भूंडा महायज्ञ में न तो इतने श्रद्धालुओं ने आयोजन में भाग लिया और न ही इतनी अधिक धनराशि खर्च हुई है। स्पैल वैली के आराध्य देव बकरालू देवता महाराज के सान्निध्य में यह आयोजन पूरी तरह से सफल हुआ है और किसी तरह की जान एवं माल की अनहोनी नहीं हुई।