Edited By Vijay, Updated: 27 Mar, 2025 09:36 PM

विशेष न्यायाधीश-1 मंडी की अदालत ने चिट्टा (हैरोइन) के एक अहम मामले में फैसला सुनाते हुए 5 दोषियों को कठोर कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई है।
मंडी (रजनीश): विशेष न्यायाधीश-1 मंडी की अदालत ने चिट्टा (हैरोइन) के एक अहम मामले में फैसला सुनाते हुए 5 दोषियों को कठोर कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत ने राजकुमार पुत्र विधि चंद निवासी गांव जलपेहड़, तहसील जोगिंद्रगर व जिला मंडी, छविंद्र कुमार पुत्र मनोहर लाल निवासी गांव सुनाग, डाकघर व तहसील निहरी जिला मंडी, प्रदीप सेन पुत्र भीम सेन निवासी गांव धारंडा, तहसील सदर व जिला मंडी, जीत सिंह पुत्र इंद्र सिंह निवासी गांव जनेड़, डाकघर रंधाड़ा, तहसील सदर व जिला मंडी तथा मोहम्मद इरफान पुत्र शुक्रदीन निवासी बथेरी, उपतहसील कटौला व जिला मंडी को व्यावसायिक मात्रा में चिट्टा रखने के दोष में प्रत्येक दोषी को 14 वर्ष के कठोर कारावास के साथ 1,40,000 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न देने पर प्रत्येक दोषी को 16 महीने का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।
जिला न्यायवादी मंडी एवं विशेष लोक अभियोजक विनोद भारद्वाज ने बताया कि 20 दिसम्बर 2023 को पुलिस थाना सदर मंडी की एक पुलिस टीम नियमित गश्त व नाकाबंदी के लिए रवाना हुई थी और ब्राधीवीर में सड़क एनएच पर मौजूद थी। उसी समय करीब 1.50 बजे पुलिस को कुछ खास सूत्रों से सूचना मिली कि एक कार नेरचौक की तरफ से मंडी की तरफ आ रही है, जिसमें 5 व्यक्ति बैठे हैं जोकि चिट्टा बेचने का धंधा करते हैं।
सूचना के आधार पर करीब सवा 3 बजे उक्त कार नेरचौक की तरफ से मंडी की तरफ आई, जिसे पुलिस अधिकारी द्वारा रोका गया। कार में चालक के साथ 4 अन्य व्यक्ति बैठे थे जो पुलिस को देखकर घबराए हुए प्रतीत हो रहे थे। इसके बाद कार की तलाशी ली गई तो चालक के फुट मैट के नीचे एक नीले रंग का छोटा बैग बरामद हुआ, जिसमें एक प्लास्टिक का लिफाफा था। उसके अंदर सफेद रंग का पाऊडर नुमा पदार्थ दिखाई दे रहा था। उपरोक्त प्लास्टिक के लिफाफे में पाऊडर नुमा सफेद रंग के पदार्थ को ड्रग डिटैक्शन किट से चैक किया तो यह चिट्टा पाया गया, जिसका कुल वजन 268 ग्राम निकला।
जिला न्यायवादी मंडी ने यह भी बताया कि इस मामले में अभियोजन पक्ष ने न्यायालय के समक्ष 16 गवाह पेश किए, जबकि अभियुक्तों द्वारा भी अपने बचाव में 2 गवाह पेश किए गए। न्यायालय ने दोनों पक्षों के तर्क-वितर्क को सुनने के पश्चात अभियोजन पक्ष के उक्त 16 गवाहों की गवाही को सही मानते हुए प्रत्येक दोषी को नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थ (एनडीपीएस) की धारा 21 (सी) और 29 के तहत 14 वर्ष के कठोर कारावास के साथ 1,40,000 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई और यदि दोषी जुर्माना देने में असफल रहते हैं तो 16-16 महीने का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।
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