मंडी में बादल फटने से तबाही, परिजन मलबे में फंसे अपनों को रहे हैं तलाश, खुले आसमान के नीचे गुजारी रात

Edited By Rahul Rana, Updated: 02 Aug, 2024 09:26 AM

relatives are searching for their loved ones trapped in the rubble

मंडी जिले के पथर उपमंडल के तहत आने वाली ग्राम पंचायत धमच्याण के रामबन गांव में बुधवार रात को बादल फटने के बाद मलबे में दबे लोगों के परिजन दिनभर अपनों की तलाश करते रहे। बदल फटने से हर तरफ मलबा ही मलबा नज़र आ रहा है।

पथर/मंडी (रजनीश): मंडी जिले के पधर उपमंडल के तहत आने वाली ग्राम पंचायत धमच्याण के रामबन गांव में बुधवार रात को बादल फटने के बाद मलबे में दबे लोगों के परिजन दिनभर अपनों की तलाश करते रहे। बदल फटने से हर तरफ मलबा ही मलबा नज़र आ रहा है। बुधवार रात को हुए इस हादसे के बाद ग्रामीणों ने खुले आसमान के नीचे रात गुजारी और डर के कारण घरों में जाने की हिम्मत नहीं हुई। जैसे ही सुबह हुई तो सभी अपने सगे संबंधियों को तलाश करने में जुटे रहे। बीच-बीच में बारी-बारी मलबे के बीच में शव मिलते रहे। बहरहाल इस दुखद घटना से समूची चौहार घाटी में मातम छाया हुआ है। सगे-संबंधी राजबन पहुंच रहे हैं जबकि आसपास के अलावा अन्य क्षेत्रों के सैंकड़ों लोग राहत कार्य में हाथ बंटा रहे हैं।

प्रशासन की ओर से सभी विभागों के आलाधिकारी भी घटनास्थल पर मोर्चा संभाले हुए हैं। बादल फटने के कारण एक कार राजबन और कारे थलटूखोड़ में नाले का एकाएक जलस्तर बढ़ने से पानी के बहाव में बह गई। इसके अलावा एक गाय और भेड़-चकरियां भी मलबे में दब गई हैं। इसके अलाश बारिश से चौहार भाटी की लटराण और तरसव्वण पंचायत में भी करोड़ों रुपए के नुक्सान की सूचना है।

मिडल स्कूल ग्रामण में ठहराए हैं लोग
डीसी मही ने राजस्य विभाग के अधिकारियों को नुक्सान का आकलन कार रिपोर्ट तैयार करने के दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राहत मैनुअल अनुसार मृतकों और पीड़ित परिवारों को रिलीफ फंड जारी किया जाएगा। खतरे की जद में आए अन्य परिवारों के ठहरने की व्यवस्था उपमंडल प्रशासन ने मिडल स्कूल ग्रामण में की है। एस. डी.एन. भावना वर्मा ने कहा कि आसपास के मकानों के लिए अभी खतरा बरकरार है, ऐसे में एहतियातन मकान खाली करवाकर उन्हें शिफ्ट करने को कहा है।

परिवार में अकेला रह गया राम सिंह
अपने परिवार में इकलौता राम सिंह हादसे में सुरक्षित बच पाया जो दलदल से निकलते-निकलते जख्मी हो गया। वह सिविल अस्पताल जोगिंद्रनगर में भर्ती है जबकि उसके माता पिता पत्नी और 3 माह की बच्ची की मौत हो गई।

हरदेव सिंह को ऐसे खींच लाया हादसा
चौहार घाटी के गांव धरयांग के हरदेव सिंह को क्या पता था कि हादसा उसे टिक्कर से खाींचकर राजबन ले आएगा। हरदेव सिंह घर से कुल्लू के लिए निकला था लेकिन रास्ते से ही वह अपने रिशतेदार के यहां चला गया और बुधवार रात को बादल फटने की घटना होने से लापता हैं। हरदेव सिंह ने अपना सामाग भी जिक्कन में रखा था

स्थानीय लोग बोले-10 स्थानों पर फटे हैं बादल
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार आसपास के क्षेत्र में लगभग 10 स्थानों पर बादल फटे हैं लेकिन तेरेंग राजबन में जानमाल का नुक्सान ज्यादा हुआ है। अन्य स्थानों पर करोड़ों रुपए की वनसंपदा व ग्रामीणों की निजी भूमि को नुक्सान हुआ है। लागों के वाहन पानी के तेज बहाव में बह गए हैं। ग्रामण स्कूल के जेबीटी अध्यापक रत्न चंद व उनके सहयोगी अध्यापकों व पंजोड़ गांव के ग्रामीणों राहत व बचाव कार्यों में जुटे लोगों के लिए खाने की व्यवस्था की।

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