Edited By Rahul Singh, Updated: 31 Aug, 2024 12:50 PM
राजधानी शिमला को स्लम फ्री बनाने के लिए कृष्णानगर में रे प्रोजैक्ट (राजीव आवास योजना) तहत गरीबों के लिए पक्के मकान बनाए जाने हैं लेकिन यह प्रोजैक्ट पिछले एक साल से बंद पड़ा हुआ है। कृष्णानगर में पिछली बरसात में हुए भारी नुक्सान के बाद से यहां पर...
शिमला, (वंदना ठाकर): राजधानी शिमला को स्लम फ्री बनाने के लिए कृष्णानगर में रे प्रोजैक्ट (राजीव आवास योजना) तहत गरीबों के लिए पक्के मकान बनाए जाने हैं लेकिन यह प्रोजैक्ट पिछले एक साल से बंद पड़ा हुआ है। कृष्णानगर में पिछली बरसात में हुए भारी नुक्सान के बाद से यहां पर निर्माण संबंधी गतिविधियां बंद पड़ी हुई हैं। नगर निगम को अभी रे प्रोजैक्ट के तहत यहां पर मकान बनाने की अनुमति नहीं मिल पाई है।
इसके चलते फिलहाल यह प्रोजैक्ट अधर में लटक गया है। रे प्रोजैक्ट के तहत नगर निगम द्वारा कृष्णानगर में 224 आवास गरीबों के लिए बनाए जाने थे, जिसमें से अब तक निगम ने यहां पर 48 मकान बनाकर तैयार किए हैं, जबकि 16 मकान का काम बल रहा है लेकिन जियोलॉजिकल सर्वे रिपोर्ट नगर निगम को नहीं मिलने के कारण यह प्रोजैक्ट लटक गया है। बरसात में हुए नुक्सान के बाद कृष्णानगर में भवन निर्माण करने पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है। इसके लिए भू-वैज्ञानिकों की रिपोर्ट लेना अनिवार्य किया गया है। नगर निगम ने इसके लिए आई. आई.टी. रुड़की समेत एन.आई.टी. हमीरपुर से जियोलॉजिकल सर्वे रिपोर्ट मांगी है, लेकिन पिछले एक साल से निगम को इस संबंध में रिपोर्ट नहीं मिल पाई है जिससे प्रशासन यहां पर काम शुरू नहीं कर पा रहा है।
केंद्र सरकार से मिले 9.74 करोड रुपए
कृष्णानगर में शहरी गरीबों के लिए आवास बनाए जाने हैं। इसके लिए केंद्र सरकार ओर से 9 करोड़ 74 लाख रुपए की राशि नगर निगम को दी गई है, जबकि राज्य सरकार की ओर से इसके लिए 1 करोड़ 46 लाख रुपए दिए गए है लेकिन अब काम बंद होने से पैसा निगम के पास पड़ा है।
प्रशासन का कहना है कि केंद्र व राज्य सरकार की ओर से मिले पैरों पर बैंक से निगम को अब तक 6 करोड़ से ज्यादा का अफज मिल गया है, इससे निगम को लाभ पहुंचा है। प्रशासन का कहना है कि इस पैसे को कभी खधे किया जा सकता है। यह राशि लेप्स नहीं होगी। ऐसे में निर्माण की अनुमति जैसेही निगम को मिलती है, इसके बाद निगम यहा पर शेष बचे आवासों का काम शुरू कर देगा। निगम का यह प्रेजेक्ट 2012 से लंबित पड़ा हुआ है, जो अब तक सिरे नहीं चढ़ पाया है।
स्लाटर हाऊस को लेकर भी आनी है सर्वे रिपोर्ट
कृष्णानगर में निगम के स्लाटर हाऊस का स्थायी तौर पर निर्माण करने के लिए भी जियोलॉजिकल सर्वे रिपोर्ट का नगर निगम को इंतजार है। अभी निगम ने अस्थायी तौर पर यहा पर स्लाटर हाऊस तैयार किया है लेकिन कृष्णानगर में स्थायी तौर पर स्लाटर हाऊस बनाया जा सकता है या नहीं इसको लेकर रिपोर्ट आने के बाद ही निगम फैसला कर सकेगा। प्रशासन ने जल्द ही इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है।
अभी निर्माण की अनुमति नहीं
निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने कहा कि कृष्णानगर में अभी रे प्रोजेक्ट के तहत निर्माण की अनुमति नहीं है व काम बंद पड़ा है। यहां पर गरीबों के लिए आवास बनाने जाने है। इसके लिए केंद्र सरकार से बजट मुहैया करवाया गया है। एन. अर्थ टी. हमीरपुर से जियोलॉजिकल सर्व रिपोर्ट मांगी गई है। प्रारंभिक रिपोर्ट निगम को मिली है लेकिन निगम को अंतिम रिपोर्ट निर्माण के लिए चाहिए। इसके बाद ही निगम निर्माण को लेकर फैसला ले सकेगा। निगम लगातार एक्सपर्ट से फाल्चार कर रहा है।