Edited By Vijay, Updated: 09 Sep, 2023 11:12 PM

हिमाचल प्रदेश एनपीएस कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर को हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के समानांतर गुट का अध्यक्ष चुना गया है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के सभागार में हुए इस चुनाव में प्रदीप ठाकुर को सर्वसम्मति से अध्यक्ष...
शिमला (कुलदीप): हिमाचल प्रदेश एनपीएस कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर को हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के समानांतर गुट का अध्यक्ष चुना गया है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के सभागार में हुए इस चुनाव में प्रदीप ठाकुर को सर्वसम्मति से अध्यक्ष निर्वाचित घोषित किया गया। अपने निर्वाचन के बाद प्रदीप ठाकुर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जो दायित्व प्रदेश के कर्मचारियों ने उनको सौंपा है, उस पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे। उन्होंने दावा किया कि महासंघ की चुनाव प्रक्रिया सभी जिलों एवं विभागों में पूरी करने के बाद उनको अध्यक्ष चुना गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह उनके साथ हैं तथा एनपीएस बहाली के बाद अब वह कर्मचारियों की अन्य लंबित मांगों को भी पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि महासंघ की बैठक जल्द होगी, जिसमें राज्य एवं जिला के पदाधिकारी हिस्सा लेंगे। इस बैठक में लिए जाने वाले निर्णय के अनुसार ही महासंघ आगे बढ़ेगा। उन्होंने दावा किया कि सरकार की तरफ से उनको ही जेसीसी के लिए बुलाया जाएगा।
भरत महासचिव, सौरभ-दर्शोक वरिष्ठ उपाध्यक्ष व इंद्रदत्त बने कोषाध्यक्ष
प्रदीप ठाकुर को महासंघ का अध्यक्ष चुने जाने के अलावा भरत शर्मा को राज्य महासचिव चुना गया है। इसके अलावा सौरभ वेद एवं दरशोक को वरिष्ठ उपाध्यक्ष चुना गया है, साथ ही इंद्रदत्त शर्मा को कोषाध्यक्ष पद का दायित्व सौंपा गया है।
प्रदीप ठाकुर को कंधों पर उठाया, ढोल-नगाड़े भी बजे
महासंघ का अध्यक्ष चुने जाने पर प्रदीप ठाकुर को कर्मचारियों ने कंधों पर उठाया। इस दौरान उनके पक्ष में नारेबाजी भी हुई तथा कर्मचारियों ने ढोल-नगाड़ों की थाप पर नृत्य भी किया।
विरोधी खेमे ने चुनाव को बताया असंवैधानिक
उधर, हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के पूर्व महासचिव गोपाल कृष्ण शर्मा एवं अतिरिक्त महामंत्री तथा हिमाचल प्रदेश गैर-शिक्षक संघ के अध्यक्ष त्रिलोक ठाकुर ने इस चुनाव को असंवैधानिक करार दिया। उन्होंने कहा कि जिस गुट ने चुनाव करवाए हैं, वह एनपीएस का एक खेमा है। इसमें अधिक शिक्षक तथा जिला व विभागों के कर्मचारी शामिल नहीं हैं। उन्होंने दावा किया कि इस चुनाव में 12 स्टेट डैलीगेट तक नहीं आए। उन्होंने कहा कि इस चुनाव प्रक्रिया में कुछ सेवानिवृत्त कर्मचारी थे। उन्होंने कहा कि महासंघ के चुनाव की प्रक्रिया इन दिनों चली हुई है, जिसे 10 अक्तूबर तक पूरा कर लिया जाएगा।
अब सरकार के पाले में गेंद
हिमाचल प्रदेश अरापजत्रित कर्मचारी महासंघ की सरदारी के लिए समानांतर गुटों की तरफ से चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब गेंद सरकार के पाले में है। यानि जिस गुट को जेसीसी के लिए बुलाता है, उसको सरकार की तरफ से मान्यता मिल जाएगी। इससे पहले भी पूर्व की सरकारों में भी ऐसा ही होता आया है।
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