आपदा के समय विपक्ष की बातों को नहीं सुन रहे, हमारा ध्यान जनता पर : मुकेश

Edited By Kuldeep, Updated: 21 Aug, 2023 11:11 PM

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उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विशेष बातचीत में पूछे गए प्रश्न कि विपक्ष में रहते हुए आपका आक्रामक रवैया था, परंतु सत्ता में आते ही आप कूल दिख रहे हैं।

पालमपुर (गौरव): उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विशेष बातचीत में पूछे गए प्रश्न कि विपक्ष में रहते हुए आपका आक्रामक रवैया था, परंतु सत्ता में आते ही आप कूल दिख रहे हैं। इस संदर्भ में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह किरदार का मसला है। उस समय विपक्ष के नेता के रूप में काम कर रहा था और सत्ता में भाजपा थी। ऐसे में भाजपा की सरकार हटाने का मसला था। अब कांग्रेस सरकार में भूमिका को निभा रहे हैं। प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा से एकमात्र मंत्री के प्रश्न के जवाब में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अभी सरकार को बने लगभग 8 महीने हुए हैं। अभी कैबिनेट में मंत्री व चेयरमैन बनने बाकी हैं। जिला कांगड़ा राजनीतिक रूप में बहुत ही इंपोर्टैंट है। कांगड़ा की जनता ने हमें विधायक दिए हैं और कैबिनेट का विस्तार करना मुख्यमंत्री का अधिकार है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सी.एम. जयराम ठाकुर कांग्रेस सरकार की चिंता छोड़ केवल विपक्ष की भूमिका निभाने पर ध्यान दें। हरेक के अलग-अलग प्रश्न होते हैं, इनको भी हल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना काल से ज्यादा आपदा आज हिमाचल में आई है। प्रदेश में करीब 350 मौतें हो चुकी हैं। 10,000 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है। उन्होंने कहा कि विपक्ष की बातों को हम नहीं सुन रहे हैं। हम प्रदेश की जनता के बीच जाकर आपदा से हुए नुक्सान का जायजा ले रहे हैं और जनता के दुखों को समझ रहे हैं। अग्निहोत्री ने कहा कि ङ्क्षचतपूर्णी मंदिर में वी.आई.पी. दर्शनों पर 1100 रुपए लिए जाने पर कहा कि यह दर्शन के लिए ऑनलाइन माध्यम से लिए जाने का निर्णय जनहित में लिया गया है। इस तरह एकत्रित पैसे से गरीब जनता की सेवा, गरीब बेटियों की शादी व जरूरतमंदों की सहायता होगी।

कांगड़ा में पहाडिय़ों के दरकने की घटनाओं का करवाया जाएगा अध्ययन
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि कांगड़ा जिले में बरसात से पहाडिय़ों के दरकने की घटनाएं सामने आई हैं, वे अपने आप में विचित्र हैं। ऐसे में भू-वैज्ञानिकों से इसका अध्ययन करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय उच्च मार्ग के निर्माण में अवैज्ञानिक ढंग से पहाड़ों की कटाई की गई तथा जिन कंपनियों ने इस कार्य को किया, उन्होंने सड़क बनाने के लिए पत्थर इन्हीं पहाड़ों से निकाले, वहीं रिटेङ्क्षनग वॉल तथा डंगे लगाने के लिए भी पहाड़ों के पत्थरों का उपयोग किया। यही नहीं, सड़क बनाने तथा अन्य सड़क निर्माण के लिए भी पत्थरों का प्रयोग इन्हीं पहाड़ों से किया गया। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि चिट्टे को लेकर प्रदेश सरकार जीरो टॉलरैंस की नीति पर कार्य कर रही है तथा दृढ़ राजनीतिक इच्छा के दृष्टिगत एक-डेढ़ वर्ष में हिमाचल से इसका खात्मा कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस को चिट्टा कारोबारियों पर कार्रवाई के लिए फ्री हैंड दिया गया है।

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