Edited By Vijay, Updated: 24 Apr, 2025 11:18 PM

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए 2 जुलाई, 1972 को शिमला के वार्नेस कोर्ट (राजभवन) में हुआ समझौता रद्द करने तक बात पहुंच गई है।
शिमला (कुलदीप शर्मा): जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए 2 जुलाई, 1972 को शिमला के वार्नेस कोर्ट (राजभवन) में हुआ समझौता रद्द करने तक बात पहुंच गई है। यह समझौता भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो ने किया था। जुल्फिकार अली भुट्टो के साथ उनकी पुत्री बेनजीर भुट्टो (बाद में पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनीं) भी शिमला आई थीं। इस समझौते के अनुसार दोनों देश सभी विवादों और समस्याओं को शांतिपूर्ण तरीके से द्विपक्षीय बातचीत के माध्यम से हल करेंगे यानी इसमें तीसरा देश मध्यस्थता नहीं कर पाएगा। दोनों देश एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में टांग नहीं अड़ाएंगे और एलओसी का उल्लंघन नहीं करेंगे। इसके बावजूद पाकिस्तान ने वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध के समय समझौते का उल्लंघन किया।

अंतर्राष्ट्रीय पटल पर विषय को उठाने की भी मनाही
समझौते के अनुसार इस विषय को अंतर्राष्ट्रीय पटल पर उठाने की भी मनाही है, लेकिन पाकिस्तान बार-बार इन विषयों को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उठाता रहा है। शिमला समझौते के बाद भारत ने पाकिस्तान के 90 हजार से अधिक सैनिकों को वर्ष 1971 के युद्ध में हार के बाद रिहा कर दिया था। उस समय भारत इस मौके का लाभ उठा सकता था, ये मौका चूक गए। कई महीने तक चलने वाली राजनीतिक स्तर की बातचीत के बाद वर्ष 1972 के अंत में शिमला में भारत-पाकिस्तान के बीच शिखर बैठक हुई थी। इंदिरा गांधी और भुट्टो ने अपने उच्च स्तरीय मंत्रियों और अधिकारियों के साथ उन सभी विषयों पर चर्चा की जो वर्ष 1971 के युद्ध से उत्पन्न हुए थे। उन्होंने दोनों देशों के अन्य प्रश्नों पर भी बातचीत की। इनमें युद्ध बंदियों की अदला-बदली के अलावा पाकिस्तान की तरफ से बंगलादेश को मान्यता देना शामिल है।
आज भी राजभवन में पड़ी है भारत-पाकिस्तान समझौते की मेज
भारत-पाकिस्तान के बीच हुए शिमला समझौते की मेज आज भी राजभवन शिमला में पड़ी है। जब भी देश-विदेश के बड़े जनप्रतिनिधि और राजनयिक यहां आते हैं, तो वे इस मेज को जरूर निहारते हैं। इस मेज पर आज भी भारत-पाकिस्तान के झंडे लगे हैं। इस तरह से शिमला से भारत-पाकिस्तान की कई यादें जुड़ी हैं।
सिंधु जल समझौता रद्द करने से बौखलाया पाकिस्तान
भारत की तरफ से सिंधु जल समझौते को रद्द करने से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। इसी कारण पाकिस्तान इस समझौते को रद्द करना चाहता है। इस तरह भारत ने कुल मिलाकर 5 बड़े निर्णय लेकर पाकिस्तान को कूटनीतिक तरीके से विश्व में अलग-थलग करने का निर्णय लिया है।
हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here
हिमाचल प्रदेश की खबरें पढ़ने के लिए हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें Click Here