Edited By Vijay, Updated: 03 May, 2025 03:53 PM

हिमाचल प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। इस बार सियासी हलचल की वजह बनी है राज्य के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की एक ताजा सोशल मीडिया पोस्ट, जिसने राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है।
शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। इस बार सियासी हलचल की वजह बनी है राज्य के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की एक ताजा सोशल मीडिया पोस्ट, जिसने राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है। उन्होंने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा है कि "साजिशों का दौर... झूठ के पांव नहीं होते।" इस एक वाक्य ने प्रदेश की सियासत में कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं।
हालांकि पोस्ट में किसी व्यक्ति या दल का नाम नहीं लिया गया, लेकिन इसकी टाइमिंग और अंदाज को देखते हुए इसे हाल ही में प्रदेश में सामने आई राजनीतिक उठापटक और विपक्षी दलों की बयानबाजी से जोड़कर देखा जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान न केवल विपक्ष पर कटाक्ष है, बल्कि पार्टी के भीतर चल रही खींचतान को नियंत्रित करने का एक संकेत भी हो सकता है।
गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों से प्रदेश की कांग्रेस सरकार को कई मोर्चों पर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। एक ओर विपक्ष सरकार को अस्थिर करने की कोशिश में जुटा हुआ है तो दूसरी ओर पार्टी के भीतर गुटबाजी और नाराजगी की खबरें भी सामने आती रही हैं, ऐसे में डिप्टी सीएम की यह टिप्पणी महज एक सोशल मीडिया पोस्ट नहीं, बल्कि सियासी संदेश के रूप में देखी जा रही है।
पार्टी के सूत्रों की मानें तो मुकेश अग्निहोत्री का यह बयान पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को एकजुट करने की मंशा से दिया गया है। वहीं विपक्ष ने इस पोस्ट को सिरे से खारिज करते हुए इसे गैर-जरूरी ड्रामा करार दिया है। विपक्ष का कहना है कि जब सरकार से जवाबदेही की मांग की जा रही है, तब जनता का ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की भावनात्मक पोस्ट की जा रही है। प्रदेश की जनता सवालों के जवाब चाहती है, न कि इशारों में की गई बातें।
अब प्रदेश की राजनीति में बड़ा सवाल यह है कि क्या यह पोस्ट किसी नई रणनीति का हिस्सा है? क्या कांग्रेस अपने अंदरूनी मतभेदों को दूर कर विपक्ष को एकजुटता का संदेश देना चाहती है? या फिर यह सिर्फ एक व्यक्तिगत प्रतिक्रिया थी? इसका जवाब आने वाले दिनों में सामने आएगा, लेकिन फिलहाल इतना तय है कि मुकेश अग्निहोत्री की यह पोस्ट प्रदेश की राजनीति को एक बार फिर गरमा गई है।