प्रदेश में हड़ताल पर बैठे 167 जेई को बर्खास्त कर आऊटसोर्स पर भर्ती के आदेश

Edited By Vijay, Updated: 19 Oct, 2023 11:57 PM

ordered to terminate 167 je on strike and recruited on outsourced

सरकार ने पिछले 20 दिनों से कलम छोड़ो हड़ताल कर रहे जिला परिषद कैडर के अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।

सोलन/शिमला (नरेश पाल/राजेश): सरकार ने पिछले 20 दिनों से कलम छोड़ो हड़ताल कर रहे जिला परिषद कैडर के अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज निदेशक ने सभी जिला के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद को हड़ताल पर बैठे 167 जेई को बर्खास्त कर आऊटसोर्स पर नए जेई भर्ती करने के आदेश दिए हैं। आदेशों में कहा गया है कि आऊटसोर्स पर 164 जेई की नियुक्ति की जाएगी। यह नियुक्ति एक वर्ष के लिए होगी। हड़ताल पर बैठे सभी जेई की सेवाओं को बर्खास्त करने की प्रक्रिया भी शुरू करें। हालांकि जेई की नई भर्ती के लिए जिला परिषद से अनुमति लेना अनिवार्य है। जिला परिषद से यह अनुमति मिलेगी इसमें संदेह है क्योंकि जिला परिषद अध्यक्ष से लेकर जिप सदस्य पहले ही जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों की हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं। 

जिला परिषद अध्यक्षों ने नोटिस जारी करने का पूछा है आधार
कई जिलाें में जिला परिषद अध्यक्षों ने इन कर्मचारियों को जारी किए गए नोटिस का भी विरोध करते हुए मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद से नोटिस जारी करने का आधार भी पूछा है। ये सभी जेई सहायक अभियंता के अधीनस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में राहत व पुनर्वास कार्य करेंगे। विभाग का कहना है कि हड़ताल पर बैठे सभी जेई को नोटिस जारी कर काम पर लौटने के आदेश दिए थे लेकिन ये हड़ताल पर ही जमे हुए हैं। विदित रहे कि प्रदेश में जिला परिषद में जेई की कुल संख्या 178 है। इसमें से 167 हड़ताल पर हैं। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज निदेशक को सभी मुख्य कार्यकारी जिला परिषद ने हड़ताल पर बैठे जेई की रिपोर्ट भेजी है। इस रिपोर्ट के अनुसार ही विभाग ने अब जेई के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। 

कहां कितने जेई नियुक्त होंगे
आदेश के मुताबिक बिलासपुर जिला में 7, चम्बा में 7, हमीरपुर में 13, कांगड़ा में 35, किन्नौर में 3, कुल्लू में 13, लाहौल-स्पीति में 1, मंडी 25, शिमला में 22, सिरमौर में 13, सोलन में 16 और ऊना में 9 जेई आऊटसोर्स पर नियुक्त करने के आदेश दिए हैं। 

एडीसी असमंजस में 
जिलों के एडीसी अब इस असमंजस में है कि किस प्रकार से इनका टर्मिनेशन प्रौसेस शुरू करें। इसके लिए उन्होंने विभाग को पत्राचार करके पूछा है कि इसकी प्रक्रिया क्या होगी। हड़ताली कर्मचारियों को पहले सस्पैंड करना है या सीधा टर्मिनेशन प्रौसेस शुरू करना है। इनक्वायरी अफसर किसे बनाया जाए और चार्जशीट कैसे बनानी है। 

विचलित नहीं होंगे, कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे : महासंघ 
जिला परिषद कर्मचारी-अधिकारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि विभाग की ओर से जारी किए गए किसी भी फरमान से जिला परिषद कैडर के कर्मचारी विचलित होने वाले नहीं है। यदि जिला परिषद कर्मचारियों के टरमिनेशन को लेेकर कोई आदेश जारी होता है तो फिर वह कानूनी सलाह लेंगे और इस मसले में कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाने से गुरेज नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि विभाग व सरकार मर्जर की समयावधि निश्चित कर लें तो जिला परिषद काडर के कर्मचारी हड़ताल समाप्त कर अपने काम पर वापस लौट आएंगे।

क्या बोले ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के निदेशक 
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के निदेशक ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि 167 जेई को नोटिस के माध्यम से काम पर लौटने को कहा था लेकिन किसी ने अभी तक ड्यूटी ज्वाइन नहीं की है। सभी मुख्यकार्यकारी अधिकारी जिला परिषद को आदेश दिए गए हैं कि इन जेई की सेवाओं को बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू कर एक वर्ष के लिए आऊटसोर्स पर सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा व डिग्री होल्डर को जेई नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू करें।

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