Shimla: ये कैसा व्यवस्था परिवर्तन, जेई शराब बेचेंगे तो उनका काम कौन करेगा: जयराम

Edited By Kuldeep, Updated: 03 May, 2025 07:52 PM

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नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर व्यवस्था का पूरी तरीके से मजाक बनाकर रख दिया है।

शिमला (हैडली): नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर व्यवस्था का पूरी तरीके से मजाक बनाकर रख दिया है। सरकार को शराब बिकवाने का भूत इस कदर सवार है कि वह आम लोगों की सुविधाओं का भी ख्याल नहीं कर रही है। सरकार शिमला नगर निगम समेत प्रदेश के अन्य नगर निगमों को सरकार शराब बेचने के लिए बाध्य कर रही है। नगर निगम के जो जेई ( कनिष्ठ अभियंता) समेत अन्य कर्मचारी जनहित से जुड़े काम में व्यस्त रहते थे, अब सरकार उन लोगों से शराब बिकवा रही है। ऐसे में उनका काम कौन करेगा। शिमला से जारी बयान में उन्होंने कहा कि सिर्फ शिमला नगर निगम में ही 1 कनिष्ठ अभियंता, 7 इंस्पैक्टर, 18 होमगार्ड और 20 से ज्यादा कर्मचारियों की ड्यूटी शराब बेचने के लिए लगाई गई है।

जिसकी वजह से उनके ऑफिस में सन्नाटा पसरा है, वहां अपना काम लेकर आने वाले लोग मायूस और बिना काम करवाए ही लौट रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब कर्मचारियों की पूरी फौज शराब के ठेकों पर ड्यूटी बजाएगी तो आम आदमियों के काम कैसे होंगे। सरकार के इस रवैये की वजह से शहर वासियों को टैक्स-बिल जारी करने से लेकर तहबाजारी हटाने, नए कार्यों के प्रस्ताव तैयार करने, डिफाल्टरों से वसूली करने जैसे काम ठप्प हो गए हैं। सरकार द्वारा शहर के 19 शराब ठेके का जिम्मा नगर निगम को सौंपा गया है।

नगर निगम की संपदा शाखा के जो इंस्पैक्टर शहर वासियों के टैक्स बिल का हिसाब करते थे, तहबाजरियों को हटाने और एनओसी देने जैसे काम करते थे, आज वे लोग शराब के ठेकों का लेखा-जोखा रख रहे हैं, जिसकी वजह से प्रदेश के आम लोग, नगर निगम के निवासी परेशान हो रहे हैं। इस तरीके का व्यवहार सरकार को बंद करना होगा और जनहित के कामों को ध्यान में रखना होगा।

अपने वेतन के लिए धरना देने को मजबूर शिक्षक
जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में शिक्षकों का काम शिक्षा देना, शोध कार्य को बढ़ावा देना और अपने छात्रों का सर्वांगीण विकास करना है, लेकिन वर्तमान की व्यवस्था परिवर्तन वाली सुख की सरकार में यहां भी लोग सुखी नहीं हैं। जिन शिक्षकों का काम पढ़ाना होता है, शोध के काम करना होता है, वे लोग आज अपने वेतन को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। यह स्थिति पिछले महीने भी थी जब एचपीयू के शिक्षकों और गैर शिक्षकों ने अपने वेतन को जारी करने को लेकर विश्वविद्यालय परिसर में धरना दिया था। यह सरकार के हर दिन का काम हो गया। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से आग्रह किया कि व्यवस्था परिवर्तन का नारा देकर व्यवस्थाओं का पत्तन मत करिए।

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