Edited By Vijay, Updated: 16 Jul, 2023 10:48 PM

नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हर मदद करने के बावजूद भी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह द्वारा केंद्र का कोई आर्थिक सहयोग न मिलने की बात करना दुर्भाग्यपूर्ण है। मुख्यमंत्री आरोप लगाने की बजाय प्रभावितों तक राहत पहुंचाने का...
शिमला (संतोष): नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हर मदद करने के बावजूद भी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह द्वारा केंद्र का कोई आर्थिक सहयोग न मिलने की बात करना दुर्भाग्यपूर्ण है। मुख्यमंत्री आरोप लगाने की बजाय प्रभावितों तक राहत पहुंचाने का कार्य करें। आपदा में डीजल का दाम बढ़ाकर लोगों पर बोझ डालने वाले केंद्र सरकार पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। केंद्र सरकार हिमाचल की आपदा में पूरा सहयोग कर रही है। चाहे आर्थिक सहायता की बात हो या अन्य जरूरी संसाधनों की, जिस भी संसाधन की जरूरत पड़ी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह ने तुरंत उपलब्ध करवाई है।
364 करोड़ रुपए की 2 किस्तें जारी की, तीसरी भी जल्द होगी जारी
जयराम ने कहा कि केंद्र ने राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीमें भेजीं, वायुसेना और सेना को लगाया, हैलीकॉप्टर से लेकर बीआरओ के जवान पूरे जी जान से जुटे रहे। सप्ताह भर के भीतर आपदा राहत के तहत 364 करोड़ रुपए की 2 किस्तें जारी कर दी। बहुत जल्द तीसरी किस्त भी जारी हो रही है। केंद्र की टीम आपदा से हुए नुक्सान का जायजा लेने आ रही है। आपदा नुक्सान के आकलन के आधार पर ही केंद्र सरकार भावी मदद की योजना बनाती है। सेना, एनएचएआई आज भी अपने काम में जुटी हुई हैं, ऐसे में मुख्यमंत्री का यह कहना कि केंद्र सरकार की तरफ से अभी तक कोई वित्तीय राहत नहीं मिली है, शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण बयान है।
बाढ़ प्रभावितों को राहत देने का काम करे सरकार
जयराम ने कहा कि सरकार इधर-उधर की बातें करने की बजाय बाढ़ प्रभावितों को राहत देने का काम करे क्योंकि अभी तक लोगों तक कोई राहत नहीं पहुंच पाई है। उन्होंने कहा कि मंत्री बाढ़ प्रभावित इलाकों में जाकर राजनीति करने की बजाय राहत कार्यों पर ध्यान दें, अब जमीन पर काम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इतने कम समय में 364 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता, एनडीआरएफ, वायुसेना द्वारा हैलीकॉप्टर से रैस्क्यू, सेना, बीआरओ द्वारा रास्ता खोलने का काम क्या केंद्र की सहायता नहीं है।
विशेषज्ञ करते हैं आकलन, फिर तैयार होती है विस्तृत रिपोर्ट
जयराम ने कहा कि हर काम करने की एक निर्धारित प्रक्रिया होती है। आर्थिक मदद देने से पहले विशेषज्ञों द्वारा नुक्सान का आकलन किया जाता है और एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाती है। इसके बाद की योजनाएं तैयार की जाती हैं। आपदा से निपटने की प्रक्रिया है। सबसे पहले राहत और बचाव कार्य, इसके बाद पुनर्वास और पुनर्निर्माण। आपदा आते ही राहत और बचाव के लिए केंद्र ने कुशलतम संस्था एनडीआरएफ को लगाया, वायुसेना और सेना को लगाया। नुक्सान का जायजा लेने के लिए सोमवार को टीमें आ रही हैं।
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