Edited By Vijay, Updated: 04 Oct, 2023 06:49 PM

नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू राहत पैकेज के नाम पर झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक पात्र लोगों को मदद नहीं मिल जाती, तब तक भरोसा करना मुश्किल है।
शिमला (कुलदीप): नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू राहत पैकेज के नाम पर झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक पात्र लोगों को मदद नहीं मिल जाती, तब तक भरोसा करना मुश्किल है। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार कान खोलकर सुन ले, यदि आपदा राहत पैकेज के नाम पर बंदरबांट हुई तो भाजपा उसे सहन नहीं करेगी। जयराम ठाकुर ने यहां जारी बयान में आरोप लगाया कि कांग्रेस ने जिस तरह से झूठ बोलकर सत्ता हासिल की, उसी तरह अब सरकार भी चलाना चाहती है। कांग्रेस ने हिमाचल में इतना झूठ बोला है कि प्रदेश के लोगों का उससे भरोसा उठ चुका है। पिछले 10 महीने में मुख्यमंत्री ने जितनी घोषणाएं कीं, वे आज तक धरातल पर नहीं उतरीं। मुख्यमंत्री और उनकी पूरी टीम आपदा राहत पैकेज में केंद्र की तरफ से कुछ नहीं मिला का राग अलाप रहे हैं लेकिन मनरेगा के कार्यों, केंद्र से मिले 6000 आवास और 756 करोड़ रुपए को पैकेज का हिस्सा बता रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कई स्थानों से ऐसी रिपोर्ट आ रही है कि सत्ता पक्ष के लोग अपनी सूचियां बनाकर चहेतों को लाभान्वित करना चाहते हैं।
विक्रमादित्य की भाषाशैली पर भाजपा प्रवक्ताओं ने उठाए सवाल
भाजपा प्रवक्ता बलदेव तोमर, विक्रम वर्मा और विवेक शर्मा ने लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह की भाषाशैली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि एक संवाद के दौरान जिस तरह की शब्दावली सांसद सुरेश कश्यप को लेकर प्रयुक्त की है, वह सही नहीं है। मंत्री शायद यह भूल गए हैं कि उनकी माता भी सांसद हैं, ऐसे में अगर वह किसी सांसद के बारे में टिप्पणी करते हैं तो उन्हें पहले अपनी माता के बारे में भी सोच लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि सांसद सुरेश कश्यप ने प्रदेश से जुड़े कई विषयों को केंद्र सरकार से उठाया है जिनका संज्ञान भी लिया गया है। सुरेश कश्यप ने रेल मार्ग, सड़क, टनल निर्माण, प्रधानमंत्री आवास योजना के मकान और आपदा राशि को लेकर केंद्र से सैंकड़ों बार गुहार लगाई है।
...तो कांग्रेस के नकारात्मक कार्यों को रोकते
उन्होंने कहा कि प्रदेश के 5 नगर निगम सहित 60 शहरी निकायों को 50 फीसदी ग्रांट इन एड वापस करनी होगी, जिससे त्रासदी के बाद पुनर्वास की योजनाएं बनाने में शहरी निकायों की परेशानी बढ़ेगी। इसके लिए निदेशक शहरी विकास विभाग ने नगर निगम के आयुक्त, नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी व नगर पंचायतों के सचिवों को पत्र लिखकर ग्रांट वापस करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि छठे राज्य वित्त आयोग की तरफ से जुलाई माह में सभी शहरी निकायों को करीब 153.64 करोड़ रुपए की ग्रांट इन एड जारी की थी। इसमें से 76.82 करोड़ रुपए वापस करने होंगे। उन्होंने कहा कि अगर विक्रमादित्य सिंह में दम होता तो कांग्रेस के नकारात्मक कार्यों को रोकते।
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