Edited By Vijay, Updated: 01 May, 2025 07:02 PM

नगर निगम की लापरवाही के कारण शिमला शहर में आवारा कुत्तों की संख्या बेकाबू हो गई है। यह बात एसीसीएफ के प्रमुख नाथूराम चौहान ने प्रैस वार्ता के दौरान कहीं।
शिमला (अम्बादत) : नगर निगम की लापरवाही के कारण शिमला शहर में आवारा कुत्तों की संख्या बेकाबू हो गई है। यह बात एसीसीएफ के प्रमुख नाथूराम चौहान ने प्रैस वार्ता के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि हर दिन किसी न किसी क्षेत्र से कुत्तों के हमले की खबरें सामने आ रही हैं। प्रशासन आंख मूंदकर बैठा है और शहरवासियों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है। चौहान ने नगर निगम से मांग की कि वह इस दिशा में तुरंत प्रभावी और ठोस कदम उठाए ताकि महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। नाथूराम चौहान ने नगर निगम महापौर पर भी निशाना साधते हुए कहा कि हाऊस में पार्षद को यह कहना कि यह रोज का मामला है, बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और गैर-जिम्मेदाराना बयान है।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि नगर निगम ने शीघ्र कोई कदम नहीं उठाया तो एसीसीएफ जन आंदोलन करेगा और किसी भी अप्रिय घटना के लिए नगर निगम जिम्मेदार होगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो एसीसीएफ न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाने से पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने नगर निगम के महापौर के बेतुके बयान को लेकर व शहर में आवारा कुत्तों की समस्याओं को लेकर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने मांग की कि यदि एमसी हमें जगह दे तो हम इन आवारा कुत्तों के लिए शैल्टर बनाएंगे व वहां पर रखेंगे।
लालपानी में फिर आवारा कुत्तों ने एक बच्चे को बनाया शिकार
बीती रात लालपानी में आवारा कुत्तों ने एक बच्चे को अपना शिकार बनाया। आवारा कुत्तों ने लालपानी निवासी हनी पुत्र दलवीर कुमार को नोचा डाला। जिसके बाद पीड़ित को पेट में इंजैक्शन लगवाने पड़े। घटना के बाद स्थानीय नागरिकों ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि प्रशासन इस गंभीर समस्या के प्रति उदासीन बना हुआ है। सरकार और नगर निगम को इस मुद्दे पर गहनता से विचार करना चाहिए और स्थाई हल निकालना चाहिए।
आवारा कुत्तों को लेकर कर्मचंद भाटिया ने नगर निगम आयुक्त को लिखा पत्र
शहर में बढ़ रहे आवारा कुत्तों के आतंक को लेकर कर्मचंद भाटिया ने नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखा है। भाटिया ने निगम आयुक्त से जवाब मांगा है कि बीते बुधवार को मेरे पुत्र को आवारा कुत्तों ने बुरी तरह से नोच डाला है। ऐसे में एमसी व संबंधित विभाग के अधिकारी जान माल के नुक्सान को लेकर क्या कदम उठा रहे हैं?, इस बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट करें। नहीं तो मैं एमसी को हाईकोर्ट में पार्टी बनाकर खड़ा करूंगा। इस मामले में एमसी जल्द से जल्द मुझे अपना जवाब दे।