Edited By Kuldeep, Updated: 23 Dec, 2024 06:13 PM
चंडीगढ़-शिमला राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 हादसों का फोरलेन बन गया है। इस वर्ष राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर सड़क दुर्घटना में भारी बढ़ौतरी हुई है। जनवरी से 23 दिसम्बर के बीच परवाणू से कैथलीघाट के बीच में सड़क दुर्घटना के 129 मामले सामने आए हैं, जिसमें 23 लोग...
सोलन(ब्यूरो): चंडीगढ़-शिमला राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 हादसों का फोरलेन बन गया है। इस वर्ष राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर सड़क दुर्घटना में भारी बढ़ौतरी हुई है। जनवरी से 23 दिसम्बर के बीच परवाणू से कैथलीघाट के बीच में सड़क दुर्घटना के 129 मामले सामने आए हैं, जिसमें 23 लोग काल का ग्रास बने, जबकि 175 लोग घायल हुए हैं। यह वे मामले हैं जो पुलिस के पास पंजीकृत हुए हैं, ऐसे मामलों की संख्या भी बहुत अधिक है जो आपसी समझौते से सुलझ गए।
यदि इन मामलों को भी इनमें जोड़ दिया जाए तो यह संख्या करीब 200 के पास है। 129 सड़क हादसों को भी आधार बनाया जाए तो जिला सोलन में एनएच-5 पर हर महीने औसतन करीब 12 सड़क दुर्घटना के मामले सामने आए हैं। पिछले वर्षों के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो यह आकंडा 50 से 60 के बीच में था लेकिन इस वर्ष यह संख्या दोगुनी से भी अधिक हो गई है। परवाणू से सोलन के बीच में 2-3 प्वाइंट को छोड़ दिया जाए तो फोरलेन लगभग बनकर तैयार हो गया है, जबकि चम्बाघाट से कैथलीघाट के बीच करीब 80 से 90 फीसदी के बीच में यह बनकर तैयार हो गया है।
ओवर स्पीड बनी सड़क हादसों का कारण
एनएच-5 पर वाहन दुर्घटना का ओवर स्पीड सबसे बड़ा कारण है। ओवर स्पीड के कारण कई वाहन सड़क के बीच में ही पलट गए हैं। एनएचएआई ने परवाणू से शिमला तक बन रहे फोरलेन का डिजाइन 40 किलोमीटर स्पीड के लिए किया है, यानी इस फोरलेन पर वाहनों की स्पीड लिमिट 40 किलोमीटर प्रतिघंटा रखी है। यह अलग बात यह है कि फोरलेन पर स्पीड लिमिट के साइन बोर्ड बीच-बीच में ही कहीं लगे हैं। कुछ प्वाइंट ऐसे हैं, जहां पर यह स्पीड 30 किलोमीटर प्रतिघंटा है, जबकि फोरलेन पर वाहन 70 से 80 या फिर इससे अधिक स्पीड पर चल रहे हैं, जोकि हादसों का बड़ा कारण बन रही है।
फोरलेन पर कभी एक लेन को अचानक बंद करना भी हादसों की वजह
इसके अलावा परवाणू से सोलन तथा चम्बाघाट से कैथलीघाट के बीच में कई स्थानों पर फोरलेन का निर्माण कार्य चला हुआ है। निर्माण कार्य के चलते कई बार फोरलेन की एक लेन काे अचानक बंद कर दिया जाता है, जिसके कारण दोनों ओर के वाहनों की आवाजाही एक लेन से होने के कारण बना असमंजस भी हादसे का कारण बन रहा है, क्योंकि अधिकांश फोरलेन पर दोनों लेन से ही वाहन गुजर रहे हैं। शिमला की ओर आने वाले अलग लेन से और जाने वाले अलग लेन से जा रहे हैं। बीच में कहीं एक लेन अचानक बंद हो गई और ओवरटेक किया तो हादसा की वजह बन रही है। पिछले दिनों कंडाघाट के समीप क्लब महेन्द्रा के पास कार व बाइक के बीच में टक्कर की यही वजह थी। परवाणू से सोलन के बीच में 3-4 प्वाइंट ऐसे हैं, जहां पर एक ही लेन से दोनों तरह के वाहनों की आवाजाही हो रही है।
एसपी सोलन गौरव सिंह ने बताया कि एनएच-5 पर जनवरी से लेकर अभी तक सड़क दुर्घटना के 129 मामले सामने आए हैं, जिसमें 23 लोगों की मौत हुई है, जबकि 175 लोग घायल हुए हैं। उन्होंने लोगों से आह्वान किया है कि एनएच पर वाहन चालक ओवर स्पीड से बचें।