Mandi: धर्मपुर के स्याठी गांव में कुदरत ने मचाई भारी तबाही, बुजुर्ग धनदेव की सूझबूझ से बचीं कई जानें

Edited By Vijay, Updated: 01 Jul, 2025 03:46 PM

nature caused heavy destruction in syathi village of dharampur

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के अंतर्गत आते धर्मपुर उपमंडल की ग्राम पंचायत लौंगनी के स्याठी गांव में आज सुबह बरपे कुदरत के कहर में गांव के लगभग डेढ़ दर्जन परिवारों के 10 मकान, गौशालाएं, 20 खच्चरें, 30 बकरियां, 8 भेड़ें, 5 भैंसें और 50 से अधिक सदस्यों...

धर्मपुर (शर्मा): हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के अंतर्गत आते धर्मपुर उपमंडल की ग्राम पंचायत लौंगनी के स्याठी गांव में आज सुबह बरपे कुदरत के कहर में गांव के लगभग डेढ़ दर्जन परिवारों के 10 मकान, गौशालाएं, 20 खच्चरें, 30 बकरियां, 8 भेड़ें, 5 भैंसें और 50 से अधिक सदस्यों के सभी प्रकार के गहने, कपड़े, फर्नीचर, बाइक आदि सबकुछ मलबे और पानी में बह गए। इस प्राकृतिक आपदा में अनुमानित तौर पर दो से तीन करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है, लेकिन गनीमत रही कि किसी भी प्रकार की जानमाल की हानि नहीं हुई। यह सब गांव के एक बुजुर्ग सूझबूझ और तत्परता के कारण संभव हो पाया।

ग्रामीणों को नींद से जगाया और सुरक्षित मकान में इकट्ठा किया
सुबह लगभग 4 बजे जब आसमानी बिजली कड़क रही थी और जोरदार बारिश हो रही थी, तभी गांव के बुजुर्ग धनदेव को एक चट्टान के गिरने की तेज आवाज सुनाई दी। उन्होंने खतरे को भांपते हुए तुरंत सभी ग्रामीणों को नींद से जगाया और एक सुरक्षित मकान में इकट्ठा कर दिया। कुछ ही पलों में पूरा पहाड़ नीचे आ गया और उसने सभी घरों और गौशालाओं को अपनी चपेट में ले लिया। पलक झपकते ही पूरी बस्ती मलबे में तब्दील हो गई और उसका नामोनिशान तक नहीं बचा।
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प्रशासन और स्थानीय लोगों की त्वरित मदद
जैसे-तैसे ग्रामीण वहां से ऊपर स्कूल और मंदिर के पास पहुंचे। तब तक पंचायत प्रधान, उपप्रधान और गांव के अन्य लोग भी मौके पर इकट्ठा हो चुके थे। सुबह जैसे ही पूर्व जिला पार्षद भूपेंद्र सिंह को घटना की जानकारी मिली ताे उन्होंने तुरंत एसडीएम और डीसी को सूचित किया। सूचना मिलते ही एसडीएम जोगिंदर पटियाल, तहसीलदार रमेश कुमार और एसएचओ धर्मपुर से पैदल चलकर घटनास्थल पर पहुंचे। प्रशासन ने प्रभावितों को तत्काल दस-दस हजार रुपये की फौरी राहत, तिरपाल और राशन सामग्री उपलब्ध करवाई। स्थानीय पंचायत और लोगों ने मिलकर प्रभावितों, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं, के रहने और खाने की व्यवस्था माता जालपा मंदिर स्याठी-त्रयामबला में की है।

सुरक्षित स्थान की मांग अनसुनी, अब पूरी बस्ती तबाह
पूर्व जिला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने बताया कि इस बस्ती को वर्ष 2014 में भी भूस्खलन के कारण नुकसान हुआ था। तब से लेकर अब तक ये परिवार लगातार सरकार से अपने लिए सुरक्षित जगह उपलब्ध कराने की मांग करते रहे हैं, क्योंकि यह बस्ती नाले के किनारे बसी थी और यह एक स्लाइडिंग क्षेत्र है। उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि किसी ने उनकी बात नहीं सुनी और अब यह बस्ती पूरी तरह तबाह हो गई है। भूपेंद्र सिंह ने प्रशासन से मांग की है कि धर्मपुर प्रशासन इन प्रभावित परिवारों को घर बनाने के लिए सुरक्षित जमीन उपलब्ध करवाए। उन्होंने मकानों, मवेशियों और अन्य संपत्ति को हुए नुकसान का जल्द आकलन करने और प्रभावितों को जल्द से जल्द वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने की मांग भी की। इसके अलावा उन्होंने इनके ठहरने के लिए कहीं उचित और स्थायी व्यवस्था करने की भी अपील की है।

घटनास्थल पर उमड़ी संवेदनाओं की भीड़
घटना की सूचना मिलते ही स्वास्थ्य, राजस्व, पुलिस, जलशक्ति विभाग के कर्मचारी, पंचायत प्रधान और अन्य प्रतिनिधि, महिला मंडल, सज्याओपिपलु स्कूल के प्रधानाचार्य भोलादत्त, सुरेंद्र कश्यप, देश राज पालसरा, राकेश कुमार, सुरेंद्र कौंडल सहित सैंकड़ों स्थानीय लोग घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने तबाही के मंजर को देखा और प्रभावितों से मुलाकात कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। 
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