Solan: हिमाचल के किसानों का अब पंजाब की मंडियों में नहीं बिकेगा धान

Edited By Kuldeep, Updated: 14 Oct, 2024 06:01 PM

nalagarh himachal paddy mandi

हिमाचल के किसानों का अब पंजाब की मंडियों में धान लेना बंद कर दिया गया है। पिछले 2 साल से यहां के किसान चोरी छिपे पंजाब के किसानों की जमीन की फर्द के नाम पर अपना धान बेच देते थे लेकिन इस बार पंजाब की मंडियों में हिमाचल के किसानों का धान नहीं लिया जा...

नालागढ़ (सतविन्द्र): हिमाचल के किसानों का अब पंजाब की मंडियों में धान लेना बंद कर दिया गया है। पिछले 2 साल से यहां के किसान चोरी छिपे पंजाब के किसानों की जमीन की फर्द के नाम पर अपना धान बेच देते थे लेकिन इस बार पंजाब की मंडियों में हिमाचल के किसानों का धान नहीं लिया जा रहा है। इस बार हिमाचल में नालागढ़ व मलपुर में खुले खरीद केंद्रों में ही सारा धान बिकेगा।

बीबीएन में इस बार 3750 हैक्टेयर जमीन पर धान लगाया गया है। यहां पर करीब 18 हजार मैट्रिक टन धान होने की उम्मीद है। 4 साल पहले पंजाब ने हिमाचल के किसानों का धान व गेहूं लेना बंद कर दिया था। इसके लिए पंजाब राज्य की जमीन फर्द होना जरूरी था लेकिन यहां के किसान आढ़तियों से मिलीभगत करके अपना धान बेच देते थे।

सिविल सप्लाई विभाग ने नालागढ़ व बद्दी के मलपुर में धान व गेहूं के लिए खरीद केंद्र खोल रखे हैं लेकिन टोकन प्रणाली में कई खामियां होने से यहां के किसान केंद्र खुलने के बावजूद भी पंजाब में ही अपनी फसल बेचते थे। इस बार पंजाब में धान सेलरों के पास ही धान केंद्र सरकार ने नहीं उठाया। सेलरों में स्टोर भरे पड़े हैं। जब सेलरों के पास मांग नहीं है तो आढ़ती भी धान नहीं ले रहे हैं।

पंजाब के किसान इस बात पर अड़े हुए हैं कि आढ़ती पहले उनका धान लें और उसके बाद ही बाहरी राज्यों से आने वाले धान की खरीद करें जिससे हिमाचल के धान अब आढ़ती नहीं ले रहे हैं। किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष सुरमुख सिंह ने बताया कि केंद्र के सौतेले व्यवहार के चलते पंजाब के धान सेलरों से धान नहीं उठाया है। हिमाचल के किसान अब खरीद केंद्रों में ही अपना धान बेच पाएंगे।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!