Edited By Vijay, Updated: 01 Oct, 2019 06:44 PM
देश की अर्थव्यवस्था सशक्त है तथा इसे और सुदृढ़ करने के लिए सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। मंडी में पत्रकार वार्ता में सांसद रामस्वरूप शर्मा ने कहा कि आर्थिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सरकार ने कंपनियों को कॉर्पोरेट टैक्स की दरों में ऐतिहासिक...
मंडी (पुरुषोत्तम शर्मा): देश की अर्थव्यवस्था सशक्त है तथा इसे और सुदृढ़ करने के लिए सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। मंडी में पत्रकार वार्ता में सांसद रामस्वरूप शर्मा ने कहा कि आर्थिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सरकार ने कंपनियों को कॉर्पोरेट टैक्स की दरों में ऐतिहासिक कटौती की है और कई प्रकार की राहत प्रदान की है। आज के बाद बनी नई घरेलू विनिर्माण कंपनियां बिना किसी प्रोत्साहन के 15 फीसदी की दर से आयकर भुगतान कर सकती हैं। यह लाभ उन कंपनियों के लिए उपलब्ध है जो किसी छूट का लाभ नहीं उठातीं और 31 मार्च, 2023 को या उससे पहले अपने उत्पाद को शुरू करती हैं। शेयरों की पुन: खरीद की घोषणा 5 जुलाई, 2019 से पहले करने वाली कंपनियों पर कोई भी टैक्स नहीं लगेगा।
2014 में दुनिया का सबसे अधिक टैक्स रेट वाला देश था भारत
उन्होंने कहा कि 2014 में भारत दुनिया का सबसे अधिक टैक्स रेट वाला देश था। इससे कम्पनियों का निर्यात और आर्थिक वृद्धि प्रभावित होती थी। अधिक टैक्स होने के कारण कंपनियां विश्व की अन्य कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में असफल रहती थीं लेकिन मोदी सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स दर को धीरे-धीरे कम कर दिया है। भारत की कंपनियां अब विश्व की अन्य बड़ी कंपनियों के मुकाबले में आगे निकल गई हंै। टैक्स रेट कटौती के पीछे संदेश साफ है कि कंपनियों के पास अधिक धन, निवेश, अर्थव्यवस्था में अधिक रोजगार का सृजन, उच्च विकास, उत्पादन में वृधि और अत्यधिक आमदनी है। 2017 में देश में बैकों की संख्या 27 थी जो अब 12 हो गई है। सभी बैंकों ने ऋण धारकों को लाभ पहुंचाने के लिए एमसीएलआर में कमी करके दरों में कटौती करने का निर्णय लिया है, जिसका सीधा लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा।
आर्थिक मंदी का रोना रोने वाले विपक्ष को करना चाहिए होमवर्क
उन्होंने कहा कि 45 लाख तक के घरों के लिए 31 मार्च, 2020 तक लिए गए ऋण के ब्याज पर 1.50 लाख तक छूट मिलेगी। उन्होंने कहा कि आर्थिक मंदी का विपक्ष जो रोना रो रहा है वह तथ्यहीन है तथा विपक्ष के नेताओं को कुछ कहने से पूर्व अपना होमवर्क कर लेना चाहिए। पूर्व सरकार के समय खाद्य पदार्थों की कीमतें आसमान छू रही थीं, उन्हें सरकार ने निम्न स्तर पर पहुंचा कर स्थिर रखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकास के पथ पर अग्रसर है और विश्व में आर्थिक स्थिति के मामले में सशक्त बनकर उभर रहा है।