Edited By Vijay, Updated: 25 Aug, 2023 10:03 PM

प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा ने हर क्षेत्र के साथ-साथ सेब बागवानी को भी प्रभावित किया है। आपदा की इस घड़ी में सेब की फसल को मंडियों तक पहुंचाने की मुश्किलों के बीच अब सेब बाजार में अडानी ग्रुप की एंट्री से सेब का मुद्दा एक बार फिर गर्मा गया है।
शिमला (राक्टा): प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा ने हर क्षेत्र के साथ-साथ सेब बागवानी को भी प्रभावित किया है। आपदा की इस घड़ी में सेब की फसल को मंडियों तक पहुंचाने की मुश्किलों के बीच अब सेब बाजार में अडानी ग्रुप की एंट्री से सेब का मुद्दा एक बार फिर गर्मा गया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने शुक्रवार को शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि अडानी ग्रुप के प्रदेश में 3 कोल्ड स्टोर हैं। 2 दिन पहले ही अडानी ग्रुप ने इस साल के लिए प्रीमियम क्वालिटी के प्रति किलो सेब के दाम 95 रुपए तय किए हैं जबकि मंडियों में अच्छी गुणवत्ता वाले सेब के बागवानों को प्रति किलो 110 से 125 रुपए मिल रहे हैं, ऐसे में जो रेट तय किए गए हैं, वे सही नहीं हैं।
...तो प्रदर्शन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे
कुलदीप राठौर ने कहा कि अडानी ग्रुप द्वारा सेब के दाम घोषित किए जाने से हर वर्ष मार्कीट पर असर पड़ने की संभावना बनी रहती है और ऐसी संभावनाओं से इस बार भी इंकार नहीं किया जा सकता है, ऐसे में उन्होंने तय रेट का विरोध करते हुए दाम बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने चेताया कि यदि ऐसा नहीं होता है तो 2 वर्ष पहले ही तरह वह सेब बागवानों के साथ ही अडानी के सीए स्टोरों के बाहर प्रदर्शन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
अडानी ग्रुप बताए, क्या है सेब के रेट तय करने का मैकेनिज्म
कुलदीप राठौर ने बताया कि अडानी समूह को स्पष्ट करना चाहिए कि उनका सेब के रेट तय करने का मैकेनिज्म क्या है। उन्होंने कहा कि जब ओपन मार्कीट में अच्छे सेब को बागवानों को प्रतिकिलो 125 रुपए तक के दाम मिल रहे हैं तो उनके द्वारा किस आधार पर 95 रुपए दाम तय किए गए हैं।
प्रदेशाध्यक्ष बनने की कोई इच्छा नहीं
कुलदीप राठौर ने एक सवाल के जवाब में कहा कि पार्टी प्रदेशाध्यक्ष को बदलना या न बदलना कांग्रेस हाईकमान का क्षेत्राधिकार है तथा इस संबंध में वह कुछ भी कहने के लिए अधिकृत नहीं हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या वे प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल हैं तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनकी ऐसी कोई इच्छा नहीं है। वे पार्टी हाईकमान द्वारा राष्ट्रीय प्रवक्ता की दी गई जिम्मेदारी से खुश हैं।
बागवानी संगठन भी करने लगे विरोध
अडानी द्वारा प्रतिकिलो सेब के दाम 95 रु पए तय किए जाने का मामला तूल पकड़ने लगा है। इसके तहत बागवानी संगठन भी तय रेट का विरोध करने लग पड़े हैं। इसी कड़ी में संयुक्त किसान मंच ने भी रेट बढ़ाने की मांग की है।
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