Edited By Vijay, Updated: 02 May, 2025 12:54 PM

बीबीएमबी द्वारा पंडोह डैम से आगे ब्यास नदी किनारे लगाई जाने वाली सुरक्षा दीवार का टैंडर विवादों में घिर गया है। 11 करोड़ रुपए के इस कार्य को ऊना के एक ठेकेदार ने लगभग 6 करोड़ 95 लाख में करने की हामी भरी है।
पंडोह/मंडी (विशाल): बीबीएमबी द्वारा पंडोह डैम से आगे ब्यास नदी किनारे लगाई जाने वाली सुरक्षा दीवार का टैंडर विवादों में घिर गया है। 11 करोड़ रुपए के इस कार्य को ऊना के एक ठेकेदार ने लगभग 6 करोड़ 95 लाख में करने की हामी भरी है। इस ठेकेदार ने यह टैंडर लगभग 37 प्रतिशत घाटे पर लिया है। पंडोह और इसके आसपास के क्षेत्रों में यही चर्चा का विषय जोरों पर है कि आखिर 11 करोड़ के कार्य को कोई 6 करोड़ 95 लाख में कैसे कर सकता है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या बीबीएमबी प्रबंधन ने ज्यादा की धनराशि का टैंडर लगा दिया था या फिर ठेकेदार ने काम लेने के चक्कर में कम बोली लगाई है? अगर कम बोली लगाई है तो फिर 11 करोड़ के कार्य को 6 करोड़ 95 लाख में कैसे किया जाएगा? क्या गुणवत्ता के साथ समझौता किया जाएगा? यह कुछ ऐसे सवाल हैं जो इन दिनों पंडोह क्षेत्र के लोगों की जुबान पर चर्चा का विषय बने हुए हैं।
बीबीएमबी टैंडर निरस्त करे या फिर गुणवत्ता की जिम्मेदारी ले
ग्राम पंचायत तांदी प्रधान अमरा ठाकुर, पंडोह प्रधान गीता देवी, स्योग प्रधान वीना महंत और जागर के प्रधान भूषण कुमार ने कहा कि लगभग 37 प्रतिशत घाटे पर लिया गया यह टैंडर अपने आप में सवालिया निशान खड़े कर रहा है। पंडोह क्षेत्र ने वर्ष 2023 की प्राकृतिक आपदा में जो दंश झेला है, भविष्य में उससे बचाव के लिए ही प्रथम चरण में यह सुरक्षा दीवार लगाई जा रही है, लेकिन इतने कम पैसों में ठेकेदार गुणवत्ता का कार्य कैसे कर सकता है। बीबीएमबी प्रबंधन इसकी गुणवत्ता की जिम्मेदारी ले या फिर इस टैंडर को रद्द करके नए सिरे से आबंटित किया जाए।
बीबीएमबी की कमेटी करेगी रिव्यू : अजय पाल सिंह
बीबीएमबी के अधीक्षण अभियंता अजय पाल सिंह ने बताया कि 5 लोगों ने टैंडर भरा था, जिसमें ऊना के एक ठेकेदार ने लगभग 6 करोड़ 95 लाख रुपए की सबसे कम बोली लगाकर इस कार्य को लिया है। टैंडर के लिए जो नियम और शर्तें तय की गई हैं उन्हें ठेकेदार को हर हाल में पूरा करना होगा और ऐसा ठेकेदार को लिखित में भी देना होगा। यह सारा विषय इस टैंडर के लिए बनाई गई कमेटी के समक्ष जाएगा और वही इस पर अंतिम निर्णय लेगी। यदि कमेटी को कुछ संदेह लगा तो फिर टैंडर को निरस्त करके इसे दोबारा भी लगाया जा सकता है। इस पूरी प्रक्रिया में ठेकेदार द्वारा जमा करवाई गई 22 लाख रुपए की सिक्योरिटी को भी जब्त किया जा सकता है।
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