Edited By prashant sharma, Updated: 14 May, 2020 04:50 PM
कोरोना वायरस के कारण देश भर में जारी लॉकडाउन और कर्फ्यू के बीच हिमाचल में फंसे छत्तीसगढ़ के प्रवासी मजदूर तीन गुना से भी अधिक किराया देकर पठानकोट के लिए रवाना हुए हैं।
धर्मशाला : कोरोना वायरस के कारण देश भर में जारी लॉकडाउन और कर्फ्यू के बीच हिमाचल में फंसे छत्तीसगढ़ के प्रवासी मजदूर तीन गुना से भी अधिक किराया देकर पठानकोट के लिए रवाना हुए हैं। लॉकडाउन के चलते लंबे अरसे से धर्मशाला फंसे प्रवासी मजदूरों की बेबसी और निजी बस ऑपरेटरों की मजबूरी को यहां देखने को मिला है। कोरोना की मार देखें, घर जाने की लालसा के चलते प्रवासी मजदूरों को बस में प्रति व्यक्ति 600 रुपए किराया अदा करना पड़ा है। वहीं, ज्यादा किराया वसूल करना कोरोना संकट के चलते ज्यादा सवारियों नहीं बिठा पाने के चलते प्राइवेट बस ऑपरेटर की मजबूरी है। कोरोना संकट के बीच करीब डेढ़ माह से सरकारी और निजी बसें नहीं चल रही हैं। ऐसे में एचआरटीसी सहित प्राइवेट बस चालकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। हालांकि सरकार ने प्राइवेट बसों को स्पेशल रोड टैक्स सहित अन्य टैक्सों में छूट दी है, ताकि इस संकट में बस ऑपरेटरों को राहत मिल सके। लेकिन, कुछ निजी बस ऑपरेटरों के लिए कांगड़ा में फंसे प्रवासी मजदूर कुछ राहत लेकर आए हैं।
धर्मशाला से आज भी एक निजी बस धर्मशाला में फंसे छत्तीसगढ़ के 26 मजदूरों को छोड़ने पठानकोट तक गई। प्रति मजदूर 600 रुपए किराया लिया गया है। हालांकि धर्मशाला से पठानकोट करीब 160 रूपए लगते हैं, लेकिन कोरोना के इस संकट में बस में 26 से ज्यादा सवारियां नहीं बिठाई जा सकती हैं। ऐसे में प्रति मजदूर किराया 600 रुपए लिया जा रहा है। पिछले करीब चार माह से यहां फंसे मजदूरों को तो यह किराया अदा करना ही होगा। क्योंकि इन्हें घर तो जाना है। यह निजी बस पठानकोट तक ही मजदूरों को छोड़ेगी। आगे उनके घर जाने की क्या व्यवस्था है। इसका अभी तक पता नहीं चल पाया है। क्योंकि ट्रेन तो चल नहीं रही हैं। हालांकि बस में जाने वाले एक मजदूर ने कहा कि पठानकोट से वे बसों से जाएंगे। बस में जा रहे छत्तीसगढ़ के मजदूर राम किशन ने बताया कि प्रति व्यक्ति 600 रुपए लिए गए हैं। धर्मशाला से निजी बस में पठानकोट तक जाएंगे। पठानकोट से बस में अपने घर के लिए निकलेंगे। वहीं, बस चालक ने 600 रूपए किराया वसूल किए जाने से अनभिज्ञता जताई।