Edited By Jyoti M, Updated: 21 Jan, 2025 03:47 PM
रखोह पंचायत, सरकाघाट उपमंडल में एक दिल दहला देने वाली घटना हुई, जहां शादी की खुशिया मातम में बदल गई। यह घटना एक दुःखद मोड़ लेकर आई। क्लोट गांव निवासी 55 वर्षीय उमेश कुमार अपनी बेटी की शादी के लिए खुश थे, लेकिन अचानक उनकी जिंदगी में एक ऐसा तूफान आया,...
हिमाचल डेस्क। रखोह पंचायत, सरकाघाट उपमंडल में एक दिल दहला देने वाली घटना हुई, जहां शादी की खुशिया मातम में बदल गई। यह घटना एक दुःखद मोड़ लेकर आई। क्लोट गांव निवासी 55 वर्षीय उमेश कुमार अपनी बेटी की शादी के लिए खुश थे, लेकिन अचानक उनकी जिंदगी में एक ऐसा तूफान आया, जिसने सब कुछ बदल दिया। उनकी बेटी की शादी मंगलवार को होने वाली थी, और घर में शादी की तैयारियां जोरों पर थीं। टेंड पंडाल लग चुका था और बलद्वाड़ा से बरात भी आने वाली थी।
उमेश कुमार एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में सुपरवाइजर के रूप में काम करते थे, लेकिन कंपनी द्वारा उन्हें पैसे नहीं दिए। इससे निराश होकर उमेश कुमार ने गुस्से और निराशा में आकर जहर खाकर अपनी जान दे दी। यह घटना उनके परिवार के लिए एक बहुत बड़ा सदमा बन गई। उनकी बेटी, जो नर्सिंग की पढ़ाई कर चुकी थी, अब अपनी शादी के दिन पहले ही अपने पिता को खो चुकी थी। इसके अलावा उनका बेटा बी फार्मेसी कर रहा था, लेकिन इन दोनों के लिए यह समय बहुत कठिन था।
सोमवार शाम उमेश कुमार के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की गई, और उनके परिवार वालों पर गहरे दुख का साया मंडरा रहा था। उनके परिवार के लोग इस अप्रत्याशित घटना से पूरी तरह से हतप्रभ और टूटे हुए थे। बेटी की शादी के सपने और पिता के खोने का गम एक साथ इस परिवार पर छा गया था। उमेश कुमार की इस दुखद मौत ने न केवल उनके परिवार को, बल्कि पूरे गांव को भी झकझोर दिया।
यह घटना यह संदेश देती है कि जिंदगी कितनी भी खुशहाल क्यों न हो, कभी-कभी कुछ ऐसी घटनाएं घट जाती हैं जिनका हम अनुमान नहीं कर सकते। उमेश कुमार का परिवार अब अपनी बेटी की शादी के दिन से पहले ही गहरे शोक में डूब चुका है।