Edited By Vijay, Updated: 23 Jan, 2025 11:19 AM
अतिरिक्त न्यायिक दंडाधिकारी घुमारवीं मोनिका सोंबल की अदालत ने चैक बाऊंस मामले में नामजद आरोपी बलवंत सिंह कमल पुत्र मंशा राम निवासी गांव दधोल को दोषी करार देते हुए एक वर्ष के साधारण कारावास तथा साढ़े 5 लाख रुपए मुआवजे के रूप में अदा करने की सजा सुनाई।
बिलासपुर (बंशीधर): अतिरिक्त न्यायिक दंडाधिकारी घुमारवीं मोनिका सोंबल की अदालत ने चैक बाऊंस मामले में नामजद आरोपी बलवंत सिंह कमल पुत्र मंशा राम निवासी गांव दधोल को दोषी करार देते हुए एक वर्ष के साधारण कारावास तथा साढ़े 5 लाख रुपए मुआवजे के रूप में अदा करने की सजा सुनाई।
दी दधोल एग्रीकल्चर को-ऑप्रेटिव सोसायटी पडयालग के अधिकृत अधिवक्ता चमन लाल ने बताया कि मामले का दोषी बलवंत सिंह कमल उपरोक्त सोसायटी के बोर्ड का डायरैक्टर का सदस्य है, उसने 20 लाख रुपए हाऊस लोन के लिए आवेदन किया। सोसायटी ने 15 फरवरी 2017 को प्रस्ताव पारित करके आरोपी को 20 लाख रुपए का लोन सैंक्शन कर दिया, यह लोन 7 वर्षों के लिए आरोपी को दिया गया तथा प्रतिमाह किस्त 26 हजार 500 रुपए तय की गई। आरोपी ने वर्ष 2017 में 43000 रुपए तथा वर्ष 2018 में 50000 रुपए ही समिति को अदा किए।
इसके अलावा आरोपी ने कोई भी धनराशि सोसायटी में जमा नहीं करवाई। सोसायटी के बार-बार आग्रह पर आरोपी ने 10 अक्तूबर, 2018 को सोसायटी के नाम पर एक साढ़े चार लाख रुपए का चैक दे दिया। समिति ने जब उपरोक्त चैक को अदायगी के लिए लगाया तो यह चैक बाऊंस हो गया। उसके उपरांत आरोपी को लीगल नोटिस दिया गया लेकिन आरोपी ने सोसायटी की धनराशि नहीं लौटाई। उसके उपरांत उपरोक्त शिकायत पत्र अदालत में दायर कर दिया गया। समिति के अधिवक्ता ने बताया कि अदालत ने पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।
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