Edited By Kuldeep, Updated: 16 Dec, 2024 05:44 PM
अढ़ाई माह से वेतन न मिलने से आहत आईजीएमसी के सफाई कर्मियों, वार्ड अटैंडैंट व अन्य कर्मियों ने सोमवार को सीटू के बैनर तले धरना-प्रदर्शन किया।
शिमला (संतोष): अढ़ाई माह से वेतन न मिलने से आहत आईजीएमसी के सफाई कर्मियों, वार्ड अटैंडैंट व अन्य कर्मियों ने सोमवार को सीटू के बैनर तले धरना-प्रदर्शन किया और चेताया कि यदि 23 दिसम्बर तक उन्हें वेतन नहीं मिलता है और उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं तो जगह-जगह पर आंदोलन किए जाएंगे, जिसकी जिम्मेदारी आईजीएमसी प्रशासन की होगी। जानकारी के अनुसार आईजीएमसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्ज यूनियन संबंधित सीटू के बैनर तले आईजीएमसी अस्पताल के सफाई, वार्ड अटैंडैंट, ईसीजी, मैस तथा अन्य पैरामैडीकल व लांड्री आदि करीब 150 कर्मचारियों ने वेतन भुगतान न होने से आहत होकर आईजीएमसी शिमला के मुख्य गेट के पास विराट धरना-प्रदर्शन किया।
इस दौरान अस्पताल के सैंकड़ों कर्मियों ने आईजीएमसी प्रबंधन व ठेकेदारों के खिलाफ मोर्चा खोला। यूनियन ने अस्पताल के प्रधानाचार्य, अतिरिक्त निदेशक व चिकित्साधीक्षक से तत्काल मांगों का समाधान मांगा है, अन्यथा 23 दिसम्बर के बाद यूनियन निर्णायक आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने को लाचार होगी। यूनियन ने निर्णय लिया है कि 23 दिसम्बर के बाद आईजीएमसी प्रशासन व ठेकेदारों की मिलीभगत के खिलाफ निरंतर आंदोलन होगा, जिसके तहत हड़ताल, धरने-प्रदर्शन, राजभवन, सचिवालय, महात्मा गांधी प्रतिमा, डीसी कार्यालय मार्च व अधिकारियों के घेराव होंगे।
यूनियन ने अस्पताल के प्रबंधन व ठेकेदारों पर आरोप लगाया है कि वे मजदूरों का भयंकर शोषण कर रहे हैं। उन्होंने न्यायालय में आईजीएमसी प्रबंधन के उस हलफनामे का कड़ा संज्ञान लिया है व उसकी निंदा की है जिसमें प्रबंधन ने इन मजदूरों की नियुक्ति व वेतन देने से पल्ला झाड़ लिया है। प्रदर्शन में सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, राज्य उपाध्यक्ष जगत राम, जिला कोषाध्यक्ष बालक राम, विवेक कश्यप, राम प्रकाश, यूनियन अध्यक्ष वीरेंद्र लाल, महासचिव नोख राम, कोषाध्यक्ष सीता राम, निशा, सरीना, सुरेंद्रा, उमा, विद्या, प्रवीण, भूमि, वनीता, राजेंद्र, धनी राम, संजीव, सुनीता, सुशीला, लेख राज, जगत राम, वंदना, चमन, सुनीता, विद्या गाजटा, उमा, सन्नी, संदीप व हीरा लाल सहित सैंकड़ों मजदूर शामिल रहे।
विजेंद्र मेहरा, विरेंद्र लाल, नोख राम, निशा व भूमि ने आईजीएमसी अस्पताल प्रबंधन व ठेकेदारों पर मजदूरों के गंभीर शोषण का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी अस्पताल में न्यूनतम वेतन, ईपीएफ, ईएसआई, छुट्टियों, 8 घंटे के कार्य दिवस, हर माह 7 तारीख से पूर्व वेतन भुगतान, बोनस, चेंजिंग रूम व 2 वर्दी सैट आदि मुद्दों का समाधान नहीं किया जा रहा है। आईजीएमसी अस्पताल के ठेकेदार श्रम कानूनों व 12 जून के श्रम कार्यालय में हुए समझौते की खुली अवहेलना कर रहे हैं। उन्होंने चेताया कि अगर श्रम कानून लागू नहीं हुए तो आंदोलन तेज होगा व आईजीएमसी के मजदूर सड़कों पर उतरेंगे।
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