बागवानी विभाग ने तैयार की आम की 6 नई किस्में

Edited By Vijay, Updated: 22 Apr, 2023 11:35 PM

horticulture department prepares 6 new varieties of mango

हिमाचल प्रदेश में नई किस्म के आम अब 20 अगस्त के बाद बाजार में आएंगे। हिमाचल प्रदेश बागवानी विभाग ने 1293 करोड़ रुपए से हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास प्रोजैक्ट (एचपीएचडीपी) के तहत आम की 6 नई किस्मों के पौधे तैयार किए हैं।

शिमला (भूपिन्द्र): हिमाचल प्रदेश में नई किस्म के आम अब 20 अगस्त के बाद बाजार में आएंगे। हिमाचल प्रदेश बागवानी विभाग ने 1293 करोड़ रुपए से हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास प्रोजैक्ट (एचपीएचडीपी) के तहत आम की 6 नई किस्मों के पौधे तैयार किए हैं। इसमें पूसा अरुनिमा, पूसा लालिमा, पूसा सूर्या, पूसा श्रेष्ठा, मल्लिका तथा चौसा की नई किस्म तैयार की हैं। विभाग ने सैंपल के तौर पर जिला कांगड़ा के जाच्छ में नई किस्म के 650 पौधों का एक बगीचा तैयार किया है। इस बगीचे में 2 साल में पौधों में आम के सैंपल आ गए हैं। इससे उत्साहित विभाग ने इन नई किस्मों के करीब 2500 पौधे तैयार किए हैं। इन तैयार किए 2500 पौधों को विभाग कलस्टर में बागवानी कर रहे बागवानों तथा एससी व अन्य वर्ग के गरीब बागवानों को मुहैया करवाएंगे, साथ ही आगामी 1 से 2 साल बाद विभाग नई किस्म के आम के पौधों को बागवानों की मांग के आधार पर मुहैया करवाना शुरू करेगा। इससे राज्य में आधुनिक तरीके से आम की खेती की जा सकेगी। 

1 कनाल में लगेंगे 44 पौधे
आम के नई किस्म की हाई डैंस्टी पौधे लगाए जाएंगे। 1 कनाल भूमि पर नई किस्म के आम के 44 पौधे लगाए जा सकेंगे जबकि पुरानी किस्म के आम के 1 कनाल में 4 पौधे ही लगते हैं। इसी तरह 1 हैक्टेयर में नई किस्म के 1111 पौधे लगेंगे जबकि पुरानी किस्म के मात्र 100 पौधे ही लगते हैं। इसके लिए ड्रिप इरिगेशन की भी व्यवस्था करनी होगी।

हर साल होगी फसल
नई वैरायटी में हर साल आम के पौधों में फसल लगेगी, जबकि पारंपरिक पौधों में एक साल छोड़कर फसल आती है। नई वैरायटी के आम बाजार से उस समय आएंगे, जब अन्य सभी वैरायटी समाप्त हो जाएंगी। यानि 20 अगस्त से 10 सितम्बर के बीच में यह बाजार में आएंगे, जिससे बागवानों को इसके अच्छे दाम मिलेंगे। 

आम का डैमोस्ट्रेशन बगीचा देखने आएं बागवान : डाॅ. कमल
उपनिदेशक बागवानी डाॅ. कमल शील नेगी ने बताया कि विभाग ने 2020-21 में पूसा इंस्टीच्यूट दिल्ली व सैंट्रल इंस्टीच्यूट ऑफ सबट्रोपिकल हॉर्टीकल्चर (सीएसआईआर) लखनऊ से आम के बड बुड लाए गए थे। इनसे नई वैरायटी तैयार की गई है तथा जाच्छ में आधुनिक व वैज्ञानिक तरीके से डैमोस्ट्रेशन बगीचा लगाया गया है। आसपास व प्रदेश से आम का उत्पादन करने वाले किसान-बागवान इस बगीचे में आकर देखें  कि किस तरह से आधुनिक व वैज्ञानिक तरीके से बागवानी की जाती है। 

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