Edited By Vijay, Updated: 30 Apr, 2025 12:19 PM

हिमाचल प्रदेश में बागवानी विभाग निजी कंपनियों को कार्बन क्रैडिट बेचेगा। विभाग एचपी शिवा परियोजना के तहत लगाए जा रहे पौधों से यह कार्बन क्रैडिट कमाएगा तथा उन्हें निजी कंपनियों को बेच कर राजस्व अर्जित करेगा।
शिमला (भूपिन्द्र): हिमाचल प्रदेश में बागवानी विभाग निजी कंपनियों को कार्बन क्रैडिट बेचेगा। विभाग एचपी शिवा परियोजना के तहत लगाए जा रहे पौधों से यह कार्बन क्रैडिट कमाएगा तथा उन्हें निजी कंपनियों को बेच कर राजस्व अर्जित करेगा। कंपनियां सीएसआर के तहत विभाग से कार्बन क्रैडिट खरीदेंगी। इसके लिए विभाग ने कार्य शुरू कर दिया है।
एवोकाडो, ब्लू बैरी व ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाने की योजना
राज्य के निचले क्षेत्रों में एचपी शिवा परियोजना के तहत किसानों के खेतों में कलस्टर बनाकर अमरूद, संतरे व अन्य नींबू प्रजाति के पौधे लगाए जा रहे हैं ताकि क्षेत्र के किसानों की आर्थिकी में सुधार हो। इसके अलावा एवोकाडो, ब्लू बैरी व ड्रैगन फ्रूट के पौधे भी लगाने की योजना है। रोपे गए ये पौधे पर्यावरण को बचाने में सहयोग करेंगे, उसके एवज में राज्य को कार्बन क्रैडिट मिलेगा। इस कार्बन क्रैडिट को विभाग सेल के लिए रखेंगे। जिस भी कंपनी को इसकी आवश्यकता होगी वह उसे खरीदेगी तथा इसकी एवज में विभाग को पैसे देगी। इस राशि को किसानों को भी बांटने की योजना है। इस पर विभाग पिछले लंबे समय से कार्य कर रहा है।
कार्बन ऑफसैट के रूप में भी जाना जाता है कार्बन क्रैडिट
कार्बन क्रैडिट को कार्बन ऑफसैट के रूप में भी जाना जाता है, जो ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन को कम करने या हटाने के लिए किया गया कार्य है। सचिव बागवानी सी. पालरासू ने कहा कि विभाग एचपी शिवा परियोजना में कार्बन क्रैडिट पर भी काम कर रहा है। इसके तहत परियोजना के तहत जो पौधे लगाए जा रहे हैं, उसकी एवज में जो कार्बन क्रैडिट मिलेंगे, उन्हें कंपनियों को बेचा जाएगा।
इस तरह से होगी कार्बन क्रैडिट की खरीद-फरोख्त
जो कंपनियां उत्सर्जन में अपनी निर्धारित सीमा से अधिक ग्रीनहाऊस गैसों का उत्सर्जन करती हैं, वे अपनी उत्सर्जन सीमा को पूरा करने के लिए कार्बन क्रैडिट खरीदकर अपनी उत्सर्जन की भरपाई कर सकती हैं। जैसे एक कंपनी जो अपनी बिजली के लिए कोयला का उपयोग करती है, वह उत्सर्जन में कमी लाने के लिए या तो वह सौर ऊर्जा परियोजना में निवेश कर सकती है और कार्बन क्रैडिट खरीद सकती है, जो उसके कोयला उपयोग से होने वाले उत्सर्जन की भरपाई करेगा या फिर कंपनी जो लोग पौधे लगा रहे हैं, उनसे कार्बन क्रैडिट खरीदकर इसकी भरपाई कर सकती है। ये क्रैडिट किसी कंपनी या संगठन द्वारा स्वेच्छा से खरीदे जाते हैं, जो अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करना चाहते हैं।
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