Edited By Vijay, Updated: 13 Mar, 2025 07:09 PM

भगवान रघुनाथ की नगरी कुल्लू में बुराई पर अच्छाई और आपसी भाईचारे का प्रतीक होली का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर लोगों ने ढाल-नगाड़ों की थाप पर होली धूमधाम के साथ मनाई।
कुल्लू (दिलीप): भगवान रघुनाथ की नगरी कुल्लू में बुराई पर अच्छाई और आपसी भाईचारे का प्रतीक होली का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर लोगों ने ढाल-नगाड़ों की थाप पर होली धूमधाम के साथ मनाई। ऐतिहासिक ढालपुर रथ मैदान में डीजे की धुन पर हजारों युवा झूमे। जिलाभर में वीरवार को सरवरी, लोअर ढालपुर अखाड़ा व ढालपुर बाजार, भुंतर, पतलीकूहल, मनाली, मणिकर्ण व बंजार के लोगों ने टोलियों में रंगों के साथ एक-दूसरे पर गुलाल उड़ाया। शहर में जगह-जगह लोगों ने रिश्तेदारों व मित्रों के साथ होली खेली। नगर परिषद क्षेत्र में लोगों ने ढाल-नगाड़ों के साथ होली गीत गाए और एक-दूसरे को रंग लगाकर भाईचारे का संदेश दिया।
स्थानीय निवासी पूनम शर्मा ने कहा कि कुल्लू में बुराई पर अच्छाई का प्रतीक होली त्योहार उमंग व धूमधाम के साथ मनाया गया। जिले में बुधवार को छोटी होली और वीरवार को बड़ी होली पर लोगों ने एक-दूसरे को रंग लगाकर खुशियां मनाई। उन्होंने कहा कि महिलाओं की टोली ने मोहल्ले में घरों में जाकर होली के पारंपरिक गीत गए और एक-दूसरे को रंग लगाकर होली की बधाई दी। लोगों ने होली के त्यौहार पर स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद भी लिया।
डीसी कुल्लू तोरुल एस. रवीश ने कहा कि होली पारंपरिक त्यौहार है और देश-दुनिया में प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि होला मोहल्ला पर बाहरी राज्यों से लोग बड़ी संख्या में जिला कुल्लू की मणिकर्ण घाटी में आते हैं। कुल्लू जिला में मथुरा, वृंदावन व ब्रज की तर्ज पर होली मनाई जाती है और कुल्लू में होली का त्यौहार अनूठे तौर पर मनाया जाता है।
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