Edited By Jyoti M, Updated: 30 Oct, 2025 09:14 AM

हिमालय की गोद में बसे कुल्लू-मनाली की हसीन वादियां एक बार फिर पर्यटकों के कदमताल से गुलजार हो उठी हैं। मनाली के चहल-पहल भरे माल रोड से लेकर रोहतांग दर्रे के बर्फीले मैदान तक, हर जगह सैलानियों का हुजूम उमड़ पड़ा है। केवल मनाली ही नहीं, बल्कि बंजार के...
हिमाचल डेस्क। हिमालय की गोद में बसे कुल्लू-मनाली की हसीन वादियां एक बार फिर पर्यटकों के कदमताल से गुलजार हो उठी हैं। मनाली के चहल-पहल भरे माल रोड से लेकर रोहतांग दर्रे के बर्फीले मैदान तक, हर जगह सैलानियों का हुजूम उमड़ पड़ा है। केवल मनाली ही नहीं, बल्कि बंजार के शांत नज़ारे - सोझा, जलोड़ी दर्रा, तीर्थन घाटी और पार्वती घाटी (मणिकर्ण) में भी पर्यटकों की आवाजाही में तेज़ी आई है।
अक्टूबर की बर्फबारी बनी वरदान
अक्टूबर के महीने में हुई अप्रत्याशित ताज़ा बर्फबारी ने पर्यटन उद्योग के लिए मानो संजीवनी का काम किया है। 13,050 फीट की ऊंचाई पर स्थित रोहतांग दर्रा आज आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, जहां हर दिन सैकड़ों पर्यटक वाहन परमिट लेकर बर्फ का मज़ा लेने पहुंच रहे हैं।
इसके साथ ही, अटल टनल रोहतांग के उत्तरी छोर (नॉर्थ पोर्टल) के साथ-साथ लाहौल के खूबसूरत इलाकों जैसे कोकसर, ग्रांफू और सिस्सू में भी बड़ी संख्या में सैलानी पहुँच रहे हैं। बर्फीली ढलानों पर पर्यटक स्कीइंग और बर्फ के बीच मौज-मस्ती करते हुए देखे जा सकते हैं।
पर्यटन कारोबारियों के खिले चेहरे
पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए यह बहार किसी उत्सव से कम नहीं है। स्थानीय कारोबारी ने बताया कि प्रमुख स्नो पॉइंटों पर बर्फ गिरने के कारण उनके व्यवसाय में भारी उछाल आया है। उन्होंने बताया कि दशहरा पर्व के बाद हुई इस बर्फबारी ने पर्यटकों को मनाली की ओर आकर्षित किया है, और अब उन्हें आने वाले विंटर सीजन के बेहतरीन रहने की उम्मीद है।
कसोल साडा बैरियर के संचालक राकेश महाजन ने आंकड़ों में बढ़ोतरी की पुष्टि करते हुए कहा कि पिछले सप्ताह की तुलना में मणिकर्ण में प्रतिदिन लगभग 300 अतिरिक्त पर्यटक वाहन आ रहे हैं। उन्होंने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि पूरी घाटी में पर्यटकों की बुकिंग/ऑक्यूपेंसी में 25 से 30 प्रतिशत तक का इज़ाफ़ा दर्ज किया गया है।