Edited By Jyoti M, Updated: 04 Jun, 2025 11:49 AM

हिमाचल प्रदेश सरकार ने तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। अब हर साल शिक्षक दिवस (5 सितंबर) के अवसर पर तकनीकी शिक्षा संस्थानों के 10 सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को राज्य स्तरीय पुरस्कार से...
हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश सरकार ने तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। अब हर साल शिक्षक दिवस (5 सितंबर) के अवसर पर तकनीकी शिक्षा संस्थानों के 10 सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार योजना मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देश पर शुरू की गई है और हाल ही में इसे राजपत्र में अधिसूचित किया गया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों के नवाचार, समर्पण, शोध कार्यों और विद्यार्थियों के समग्र विकास में उनके बहुमूल्य योगदान को पहचानना और सम्मानित करना है। यह कदम निश्चित रूप से राज्य में तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने में सहायक होगा।
पुरस्कार की श्रेणियां और वितरण
यह राज्य स्तरीय पुरस्कार तकनीकी शिक्षा की छह अलग-अलग श्रेणियों में प्रदान किया जाएगा, ताकि विभिन्न संस्थानों और विशेषज्ञता वाले शिक्षकों को कवर किया जा सके। ये श्रेणियां इस प्रकार हैं:
आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) के सर्वश्रेष्ठ शिक्षक: तीन शिक्षकों को उनकी उत्कृष्ट शिक्षण पद्धतियों और छात्रों को कौशल विकास में मदद करने के लिए सम्मानित किया जाएगा।
रिसर्च एक्सीलेंस और इनोवेशन (डिग्री कॉलेज स्तर): दो शिक्षकों को उनके शोध कार्यों, नवाचारों और अकादमिक उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार मिलेगा।
इंडस्ट्री कोलैबोरेशन (आईटीआई और पॉलिटेक्निक स्तर): उन दो शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने उद्योग जगत के साथ मजबूत संबंध स्थापित किए हैं, जिससे छात्रों को बेहतर प्लेसमेंट और व्यावहारिक प्रशिक्षण मिल सके।
पॉलिटेक्निक कॉलेज स्तर: एक शिक्षक को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए पुरस्कृत किया जाएगा।
इंजीनियरिंग कॉलेज स्तर: एक शिक्षक को उनके शिक्षण और शोध में असाधारण प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया जाएगा।
फार्मेसी कॉलेज स्तर: एक शिक्षक को फार्मेसी शिक्षा में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए पुरस्कार मिलेगा।
पुरस्कार के रूप में प्रत्येक सम्मानित शिक्षक को एक मेडल, हिमाचली टोपी, शॉल, स्कार्फ, ज्ञानवर्धक किताबें, एक सुंदर स्मृति चिह्न और एक प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया जाएगा। यह सम्मान शिक्षकों को भविष्य में और बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित करेगा।
पात्रता और चयन प्रक्रिया
इस पुरस्कार के लिए कुछ महत्वपूर्ण पात्रता मानदंड निर्धारित किए गए हैं:
एक बार का सम्मान: यह पुरस्कार किसी भी शिक्षक को उनके पूरे सेवाकाल में केवल एक बार ही दिया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक शिक्षकों को सम्मानित होने का अवसर मिल सके।
सेवा में होना अनिवार्य: केवल वे शिक्षक ही पुरस्कार के लिए पात्र होंगे जो 30 अप्रैल तक सेवा में होंगे। सेवानिवृत्त शिक्षक इस योजना के तहत पुरस्कार के लिए पात्र नहीं माने जाएंगे।
अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रभाव: जिन शिक्षकों के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई चल रही होगी या हो चुकी होगी, वे भी इस पुरस्कार के लिए पात्र नहीं होंगे।
शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया बहुस्तरीय मूल्यांकन पर आधारित होगी, जो पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष होगी:
प्रथम चरण - नामांकनों की जांच: सबसे पहले, एक विशेषज्ञ समिति प्राप्त सभी नामांकनों की गहन जांच करेगी और उनकी योग्यता का मूल्यांकन करेगी।
दूसरा चरण - सिफारिश: इसके बाद, तकनीकी शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में एक समिति इन नामांकनों के आधार पर अपनी सिफारिशें देगी।
अंतिम निर्णय - राज्य स्तरीय चयन समिति: अंतिम निर्णय सचिव (तकनीकी शिक्षा) की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय चयन समिति द्वारा लिया जाएगा। यह समिति सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद अंतिम 10 शिक्षकों का चयन करेगी।
चयन के प्रमुख मापदंड
शिक्षकों के चयन के लिए कई महत्वपूर्ण मापदंड निर्धारित किए गए हैं, जो उनके समग्र प्रदर्शन और योगदान का आकलन करेंगे। इनमें शामिल हैं:
शैक्षणिक उत्कृष्टता: छात्रों को पढ़ाने और उनके प्रदर्शन को बेहतर बनाने में शिक्षक की क्षमता।
अनुसंधान कार्य और शोध प्रकाशन: शिक्षकों द्वारा किए गए शोध कार्य, प्रकाशित शोध पत्र और अकादमिक प्रकाशन।
नवाचार शिक्षण विधियां: नई और प्रभावी शिक्षण तकनीकों का उपयोग, जो छात्रों को बेहतर ढंग से सीखने में मदद करें।
पाठ्यक्रम विकास: नए पाठ्यक्रम विकसित करने या मौजूदा पाठ्यक्रमों में सुधार करने में योगदान।
छात्र प्रोजेक्ट मार्गदर्शन: छात्रों के प्रोजेक्ट्स का सफल मार्गदर्शन और उन्हें नवाचार के लिए प्रेरित करना।
पेटेंट फाइलिंग: शिक्षकों द्वारा किए गए नवाचारों के लिए फाइल किए गए पेटेंट।
औद्योगिक सहयोग: उद्योगों के साथ संबंध स्थापित करना और छात्रों के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण के अवसर पैदा करना।
सॉफ्टवेयर/उपकरण निर्माण: किसी नए सॉफ्टवेयर या उपकरण के निर्माण में योगदान।
यह अनिवार्य है कि पुरस्कार के लिए पात्र होने के लिए शिक्षक का उपरोक्त में से किसी एक क्षेत्र में विशेष योगदान हो।
हिमाचल प्रदेश में तकनीकी शिक्षा का परिदृश्य
वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में तकनीकी शिक्षा का एक विस्तृत नेटवर्क मौजूद है। राज्य में पांच इंजीनियरिंग कॉलेज, पांच फार्मेसी कॉलेज, 17 पॉलिटेक्निक संस्थान, 153 सरकारी आईटीआई और 180 निजी तकनीकी संस्थान संचालित हो रहे हैं। यह नई पुरस्कार योजना निश्चित रूप से इन संस्थानों में शिक्षण की गुणवत्ता को बढ़ाने और शिक्षकों को उत्कृष्टता के लिए प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।