Edited By Jyoti M, Updated: 27 May, 2025 10:29 AM

हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में ब्रॉडबैंड इंटरनैट सुविधा सुनिश्चित करने के लिए समग्र शिक्षा और भारत संचार निगम लिमिटेड (बी.एस.एन.एल.) के बीच सोमवार को एक महत्वपूर्ण समझौता (एम.ओ.यू.) हुआ। समग्र शिक्षा की ओर से राज्य परियोजना निदेशक राजेश शर्मा और...
शिमला, (ब्यूरो): हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में ब्रॉडबैंड इंटरनैट सुविधा सुनिश्चित करने के लिए समग्र शिक्षा और भारत संचार निगम लिमिटेड (बी.एस.एन.एल.) के बीच सोमवार को एक महत्वपूर्ण समझौता (एम.ओ.यू.) हुआ। समग्र शिक्षा की ओर से राज्य परियोजना निदेशक राजेश शर्मा और बी.एस.एन.एल. की ओर से राजकुमार, डी.जी.एम. ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के अंतर्गत राज्य के ग्रामीण सीनियर सैकेंडरी स्कूलों को फाइबर टू द होम (एफ.टी.टी.एच.) तकनीक के माध्यम से इंटरनैट कनैक्टीविटी प्रदान की जाएगी। इस मौके पर स्कूली शिक्षा निदेशक आशीष कोहली, समग्र शिक्षा के अधिकारी, को-ऑर्डीनेटर और बी.एस.एन.एल. के अधिकारी मौजूद रहे।
समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने इस समझौते को हिमाचल की स्कूली शिक्षा के लिए ऐतिहासिक कदम बताया। राजेश शर्मा ने कहा कि इस पहल के तहत राज्य के 2,809 ग्रामीण सीनियर सैकेंडरी स्कूलों को शामिल किया गया है। इनमें से लगभग 1,000 स्कूल पहले से ही इंटरनैेट से जुड़े हुए हैं, लेकिन अब उनकी मौजूदा कनैक्टीविटी को भी ब्रॉडबैंड इंटरनैट से अपग्रेड किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के स्कूली शिक्षा मंत्रालय और संचार मंत्रालय इस योजना को सक्रिय सहयोग दे रहे हैं। भारत ब्रॉडबैंड नैटवर्क लिमिटेड (भारत फाइबर) द्वारा ब्रॉडबैंड की स्थापना और कनैक्टीविटी की लागत वहन की जाएगी, जबकि मासिक उपयोग शुल्क केंद्र सरकार की ओर से कंपोजिट ग्रांट के माध्यम से प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों में फिलहाल इंटरनैट कनैक्टीविटी उपलब्ध नहीं है, वहां फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जा रही है और आगामी कुछ महीनों में वहां भी इंटरनैट सुविधा सुनिश्चित की जाएगी।
स्कूलों में ब्रॉडबैंड कनैक्टीविटी उपलब्ध कराने का समझौता महत्वपूर्ण : सी.जी.एम.
इस अवसर पर बी.एस.एन.एल. हिमाचल के सी.जी.एम. अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि भारत नैट परियोजना के तहत देश भर की ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड कनैक्टीविटी से जोड़ा जा रहा है। हिमाचल में भी करीब 20,000 किलोमीटर की ऑप्टिकल फाइबर लाइनें लगभग 2,100 करोड़ रुपए की लागत से बिछाई जा रही हैं। उन्होंने समग्र शिक्षा के साथ हुए इस समझौते को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इससे स्कूलों को निर्बाध हाई स्पीड इंटरनैट सुविधा मिल सकेगी।
प्रदेश में पहले ही लगभग 1,000 स्कूलों में इंटरनैट कनैक्शन हैं और करीब 400 अन्य स्कूलों की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जा चुकी है। शेष स्कूलों में भी रिपोर्ट के आधार पर जल्द ही ब्रॉडबैंड कनैक्टीविटी प्रदान की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि बी.एस.एन.एल. बेहतर ब्रॉडबैंड इंटरनैट सुविधा के साथ-साथ ऑनलाइन शिकायत निवारण तंत्र भी विकसित करेगा।
शैक्षणिक, प्रशासनिक और डाटा प्रबंधन से जुड़े कार्यों में मिलेगी मदद
ब्रॉडबैंड सुविधा से स्कूलों में शैक्षणिक गतिविधियां जहां डिजिटल होंगी, वहीं उपस्थित प्रणाली और अन्य रिकॉर्ड प्रबंधन भी अधिक सहज और प्रभावशाली हो सकेंगे। छात्र टैबलेट, कम्प्यूटर लैब और डिजिटल लाइब्रेरी जैसी सुविधाओं का उपयोग कर ऑनलाइन शैक्षणिक संसाधनों तक पहुंच बना सकेंगे, जिससे उनकी सीखने की क्षमता में वृद्धि होगी। साथ ही उन्हें डिजिटल परीक्षाओं, अभ्यास सामग्री और प्रोजैक्ट कार्यों में भी सुविधा मिलेगी।