Himachal: इंटरनैट ब्राऊजिंग के माध्यम से साइबर अपराधों में तेजी से हो रही वृद्धि

Edited By Kuldeep, Updated: 26 May, 2025 04:21 PM

shimla internet browsing cyber crime increase

वर्तमान डिजिटल युग में इंटरनैट ब्राऊजिंग के माध्यम से होने वाले साइबर अपराधों में तेजी से वृद्धि हो रही है। प्रदेश में भी नकली वैबसाइटों, फिशिंग लिंक, दुर्भावनापूर्ण पॉप-अप और जालसाजी के जरिए नागरिकों को आर्थिक व व्यक्तिगत नुक्सान पहुंचाने के कई...

शिमला (राक्टा): वर्तमान डिजिटल युग में इंटरनैट ब्राऊजिंग के माध्यम से होने वाले साइबर अपराधों में तेजी से वृद्धि हो रही है। प्रदेश में भी नकली वैबसाइटों, फिशिंग लिंक, दुर्भावनापूर्ण पॉप-अप और जालसाजी के जरिए नागरिकों को आर्थिक व व्यक्तिगत नुक्सान पहुंचाने के कई मामले सामने आए हैं। ऐसे अपराधी अक्सर लोगों की असावधानी या जानकारी के अभाव का लाभ उठाते हैं। इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश राज्य अपराध अन्वेषण विभाग (साइबर क्राइम) द्वारा साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता हेतु दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। साइबर पुलिस द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024 में इंटरनैट ब्राऊजिंग से संबंधित कुल 3,261 शिकायतें प्राप्त हुईं। वहीं वर्ष 2025 में अब तक कुल 1,204 शिकायतें प्रदेश भर से साइबर हैल्पलाइन नंबर 1930 पर दर्ज की जा चुकी हैं। ऐसे में यह डाटा स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता की अत्यंत आवश्यकता है।

साइबर क्राइम पुलिस के अनुसार इसके साथ ही हैकर्स लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से भी पीएम किसान योजना, पीएम आवास योजना, नौकरी के फॉर्म व शादी के डिजिटल निमंत्रण कार्ड के नाम से एपीके फाइल भेज रहे हैं। ऐसे में इसे डाऊनलोड करते ही व्यक्ति का मोबाइल फोन हैकर्स के नियंत्रण में चला जाता है। कई मामलों में हैकर्स सोशल मीडिया के किसी खाते को हैक करके आगे काॅन्टैक्ट लिस्ट या ग्रुप में परिचित के नंबर से एपीके फाइल शादी के कार्ड या विभिन्न सरकारी योजना के नाम से भेज रहे हैं। इसके तहत लोग परिचित के व्हाट्सएप नंबर से आई एपीके फाइल पर विश्वास करके ओपन कर लेते हैं, जिससे वे ठगी का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में साइबर क्राइम पुलिस के अनुसार अनजान और परिचित के नंबर से आई हुई एपीके फाइल डाऊनलोड करने से बचें।

टू स्टैप वैरीफिकेशन सिक्योरिटी
अपने सोशल मीडिया अकाऊंट में टू स्टैप वैरीफिकेशन सिक्योरिटी हमेशा ऑन रखें। किसी भी प्रकार की साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो जाने पर तुरंत साइबर हैल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें या अपने नजदीकी पुलिस थाने या साइबर सैल पर भी संपर्क कर सकते हैं। इसके साथ ही अपने बैंक से भी संपर्क कर बैंक अकाऊंट को फ्रीज करवा सकते हैं।

क्या बोले, डीआईजी मोहित चावल
डीआईजी साइबर क्राइम मोहित चावला ने बताया कि इंटरनैट ब्राऊजिंग के माध्यम से होने वाले साइबर अपराधों में तेजी से वृद्धि देखने को मिली है। ऐसे में विभिन्न माध्यमों से साइबर सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी अनजान नंबर से प्राप्त संदेशों को लेकर पूरी तरह सतर्क रहें। किसी भी अनजान या संदिग्ध स्त्रोत से भेजी गई फाइल को डाऊनलोड करने से बचें। डिवाइस की सुरक्षा बढ़ाए। टू-फैक्टर प्रमाणीकरण लागू करें। फिशिंग संदेशों से सावधान रहें। ऐसे अनचाहे ई-मेल, संदेश या कॉल से सतर्क रहें, जो व्यक्तिगत जानकारी मांगते हैं।

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