Edited By Jyoti M, Updated: 28 May, 2025 11:41 AM

अब हिमाचल प्रदेश की जेलों में कैदियों का भागना या आपस में झगड़ा करना आसान नहीं होगा। हिमाचल सरकार ने जेलों की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। शिमला की कैथू जेल में एक खास इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) बनाया गया है।...
हिमाचल डेस्क। अब हिमाचल प्रदेश की जेलों में कैदियों का भागना या आपस में झगड़ा करना आसान नहीं होगा। हिमाचल सरकार ने जेलों की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। शिमला की कैथू जेल में एक खास इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) बनाया गया है। यह सेंटर प्रदेश की सभी 14 जेलों से जुड़ गया है, जिससे अब सभी जेलों पर 24 घंटे कड़ी निगरानी रखी जा सकेगी।
कैसे काम करेगा यह नया सिस्टम?
इस हाईटेक सेंटर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल किया गया है। प्रदेशभर की जेलों में लगभग 750 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जिनकी सीधी निगरानी अब कैथू स्थित आईसीसीसी से होगी। अगर किसी जेल में कोई कैदी भागने की कोशिश करता है, या कैदियों के बीच कोई झगड़ा होता है, तो तुरंत कमांड सेंटर में अलार्म बज जाएगा। एआई सिस्टम कैदियों की फोटो और वीडियो भी कैप्चर कर लेगा और बता देगा कि घटना किस जेल में हुई है।
जैसे ही कोई गड़बड़ी होती है, आईसीसीसी से तुरंत उस जेल को सूचना दी जाएगी, जिससे अधिकारी जल्द से जल्द कार्रवाई कर सकेंगे। यह सिस्टम किसी भी अप्रिय घटना को तुरंत पहचानने, उस पर फैसला लेने और जवाब देने में बहुत मददगार होगा।
देश का पहला राज्य बना हिमाचल
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद, हिमाचल प्रदेश ऐसा पहला राज्य बन गया है जिसने अपनी जेलों और कैदियों की सुरक्षा के लिए ऐसा इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर स्थापित किया है। यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है जो प्रदेश की जेलों की सुरक्षा में क्रांति लाएगी।
मिलेगी रियल टाइम जानकारी और बचेगी जानमाल
आईसीसीसी के जरिए जेल अधिकारी कैदियों की हरकतों को ट्रैक कर सकेंगे और सीसीटीवी कैमरों की मॉनिटरिंग के साथ-साथ रियल टाइम जानकारी भी हासिल कर पाएंगे। खासकर, कैदियों के बीच झगड़ा, आपसी विवाद या जेल की चारदीवारी फांदने जैसी घटनाओं पर तुरंत अलर्ट मिलेगा। यह सारी घटना वीडियो और सीसीटीवी फुटेज में रिकॉर्ड हो जाएगी।
इस सेंटर में ऐसे खास उपकरण भी लगाए गए हैं जो जेलों में मौजूद सभी डेटा को सुरक्षित रखेंगे। साथ ही, यह एक ही समय में कई स्थितियों की निगरानी कर सकता है, जिससे न केवल जेलों में सुरक्षा बनी रहेगी बल्कि मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकने में भी मदद मिलेगी. कुल मिलाकर, यह नई तकनीक राज्य में अपराधों पर अंकुश लगाने में अहम भूमिका निभाएगी।