Edited By Jyoti M, Updated: 14 Nov, 2024 11:16 AM
हिमाचल प्रदेश में नशे के बढ़ते खतरे को रोकने के लिए सरकार ने कड़ी कार्रवाई का ऐलान किया है। हिमाचल की सीमाओं पर वाहनों की चेकिंग बढ़ाई जाएगी और नशे के तस्करों के खिलाफ सख्त अभियान चलाया जाएगा। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की अध्यक्षता में हुई उच्च...
हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश में नशे के बढ़ते खतरे को रोकने के लिए सरकार ने कड़ी कार्रवाई का ऐलान किया है। हिमाचल की सीमाओं पर वाहनों की चेकिंग बढ़ाई जाएगी और नशे के तस्करों के खिलाफ सख्त अभियान चलाया जाएगा। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।
मुख्य सचिव सक्सेना ने गृह विभाग के अधिकारियों के साथ एक मैराथन बैठक के दौरान इस मुद्दे पर गहन चर्चा की। बैठक में नशे की तस्करी को रोकने के लिए प्रदेश की सीमाओं पर चौकसी बढ़ाने का फैसला लिया गया। इसके तहत पड़ोसी राज्यों से हिमाचल में प्रवेश करने वाले वाहनों की सख्त चेकिंग की जाएगी, और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा। पुलिस अब सादी वर्दी में भी नशे के सप्लायरों पर नज़र रखेगी, ताकि चिट्टा और अन्य नशीले पदार्थों के नेटवर्क को तोड़ा जा सके।
मुख्य सचिव ने पुलिस अधिकारियों को नशे के खिलाफ अभियान तेज करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू 19 नवंबर को पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर सकते हैं, जिसके तहत नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों की समीक्षा की जाएगी।
पंचायतों और स्कूलों में नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान
इसके अलावा, हिमाचल सरकार ने पंचायत स्तर पर भी नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इस अभियान के तहत लोगों को नशे के खतरों के बारे में बताया जाएगा और उन्हें नशीले पदार्थों से होने वाले दुष्प्रभावों से अवगत कराया जाएगा। स्कूलों में भी छात्रों को नशे के खतरे और इसके रोकथाम के बारे में जागरूक किया जाएगा।
सीमाओं पर कड़ी निगरानी और अंतरराज्यीय सहयोग
मुख्य सचिव ने पुलिस अधिकारियों को पड़ोसी राज्यों के पुलिस महानिदेशकों के साथ संपर्क बनाने के निर्देश दिए, ताकि नशे के तस्करों के खिलाफ सामूहिक प्रयास किए जा सकें। उल्लेखनीय है कि हाल ही में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब और आईटीबीपी के प्रतिनिधियों ने भी शिमला में बैठक हुई थी।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस विभागों का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और केंद्रीय पुलिस संगठनों के अधिकारियों ने इसमें भाग लिया था।
इस बैठक में पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, लद्दाख, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, एनएसजी, आरपीएफ, सीबीआई और एनआईए के पुलिस अधीक्षक से लेकर पुलिस महानिदेशक तक के प्रतिनिधि शामिल हुए। इसमें कानून व्यवस्था मजबूत और नशा रोकने को लेकर एकजुट होने पर फैसला लिया गया।