Himachal: शिमला में 2 करोड़ से बनेगा हिमाचल हाट, एक ही छत के नीचे मिलेंगे 12 जिलों के पकवान और उत्पाद

Edited By Vijay, Updated: 25 Dec, 2025 07:51 PM

himachal haat will be built in shimla at cost of rs 2 crore

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने और महिला स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को हिम ईरा ब्रांड के तहत बाजार उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है।

शिमला (ब्यूरो): मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने और महिला स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को हिम ईरा ब्रांड के तहत बाजार उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हिमाचल हाट प्रमाणिक हिमाचली उत्पादों को प्रदर्शित करने वाला एक जीवन्त बाजार होगा। शिमला में लिफ्ट के समीप 2 करोड़ रुपए की लागत से हिमाचल हाट का निर्माण किया जाएगा। इस हाट की 25 दुकानों में हिमाचल के सभी 12 जिलों के महिला स्वयं सहायता समूहों के उत्पाद प्रदर्शित किए जाएंगे। 

स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की बढ़ेगी आय, आत्मनिर्भरता को मिलेगा प्रोत्साहन 
शिमला से जारी बयान में सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यह हाट एक ही छत के नीचे ग्रामीण कला, शिल्प, हथकरघा, खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों तथा पारम्परिक हिमाचली व्यंजनों को प्रस्तुत करेगा, जिससे स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की आय बढ़ेगी और आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहन मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 109 हिम ईरा स्थायी दुकानों तथा उनकी बिक्री से 34.95 करोड़ रुपए तथा 81 हिम ईरा साप्ताहिक बाजार में उत्पादों की बिक्री से 29.70 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ है। वित्त वर्ष 2025-26 में आजीविका ग्रामीण एक्सप्रैस योजना के तहत 10 खंडों को मंजूरी दी गई और 60 वाहन (प्रति ब्लॉक 6 वाहन) उपलब्ध करवाने का लक्ष्य तय किया गया है। अब तक 1.15 करोड़ रुपए से 18 वाहन स्वीकृत किए गए हैं।

सरकार स्वयं सहायता समूहों को उपलब्ध करवा रही फूड वैन
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार स्वयं सहायता समूहों को फूड वैन भी उपलब्ध करवा रही है, जिससे उन्हें लगभग 50 हजार रुपए प्रतिमाह की आय सुनिश्चित हो रही है। प्रदेश में स्वयं सहायता समूह महिला सशक्तिकरण का माध्यम बन रहे हैं। राज्य में 5428 स्वयं सहायता समूहों, 1257 ग्राम संगठनों और 189 कलस्टर लेवल फैडरेशन का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि 14410 स्वयं सहायता समूहों को 36 करोड़ रुपए का रिवॉल्विंग फंड, 7567 स्वयं सहायता समूहों को 41 करोड़ रुपए सामुदायिक निवेश राशि और 7187 परिवारों को प्रति परिवार जोखिम निवारण निधि के रूप में 36 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है।

पारम्परिक कला के संरक्षण और बढ़ावा देने के लिए सरकार उठा रही कदम
मुख्यमंत्री कहा कि पारम्परिक कला का संरक्षण करने और बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश राज्य हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम सीमित के माध्यम से विशेष पहल की है। कुल्लू के 11 प्रशिक्षण केंद्रों में 108 प्रशिक्षुओं को तीन महीने से एक साल तक का प्रशिक्षण व साथ ही 2400 रुपए का मासिक वजीफा शामिल है। कटराईं, बढ़ई, सुरढ, डोभी, प्रीणी, खनाग मिथनु जैसे गांवों में हैंड निटिंग, हैंडलूम वीविंग, कारपेट निर्माण और कुल्लवी टोपी बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे यहां के महिला और पुरुष स्वरोजगारी बने हैं।

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