Edited By Vijay, Updated: 12 Apr, 2023 10:00 PM

हाईकोर्ट ने राज्य भर में नदियों और नालों में कचरे की डंपिंग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के आदेश पारित कर दिए हैं। कोर्ट ने प्रदेश के सभी नगर निकायों को यह भी आदेश दिया है कि वे कस्बों में गीले और सूखे कूड़े का उचित पृथक्करण और कचरे का संग्रह...
शिमला (मनोहर): हाईकोर्ट ने राज्य भर में नदियों और नालों में कचरे की डंपिंग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के आदेश पारित कर दिए हैं। कोर्ट ने प्रदेश के सभी नगर निकायों को यह भी आदेश दिया है कि वे कस्बों में गीले और सूखे कूड़े का उचित पृथक्करण और कचरे का संग्रह सुनिश्चित करें और सप्ताह में कम से कम तीन बार कचरा इकट्ठा करें। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने विभिन्न जनहित याचिकाओं की सुनवाई के दौरान ये आदेश पारित किए।
सभी नगरपालिका अधिकारियों को संसाधन बढ़ाने के लिए 2 सप्ताह का समय
कोर्ट ने रोजाना कूड़ा एकत्रित करने वाले स्थानों में प्रतिदिन कूड़ा उठाने की व्यवस्था जारी रखने के आदेश भी दिए। कोर्ट ने सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मियों को आदेश दिए हैं कि वे ठोस और गीले कचरे को अलग-अलग एकत्र करें और निर्दिष्ट वाहनों को लगाकर अलग-अलग ठिकाने तक पहुंचाएं। सभी नगरपालिका अधिकारियों को आदेश का पालन करने के लिए अपने संसाधनों को बढ़ाने के लिए 2 सप्ताह का समय भी दिया गया है।
कोर्ट ने प्रतिवादी के रूप में इन्हें बनाया पक्षकार
कोर्ट ने पाया कि प्रदेश के विभिन्न स्थानों के लिए चयनित कूड़ा निस्तारण साइटों को एफसीए अप्रूवल का इंतजार है इसलिए कोर्ट ने क्षेत्रीय कार्यालय, पर्यावरण वन संरक्षण मंत्रालय, भारत सरकार को प्रतिवादी के रूप में पक्षकार बनाया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार के डिप्टी सॉलिसिटर जनरल को बिलासपुर, घुमारवीं, चुवाड़ी, बंजार, चौपाल, नेरवा, रोहड़ू, ठियोग, आनी, शाहपुर, चिड़गांव और अम्ब में कूड़ा निस्तारण संयंत्र स्थापित करने अथवा डंप करने के लिए चयनित स्थानों से जुड़े मुद्दों पर केंद्र सरकार की ओर से विशेष हिदायत पेश करने के आदेश भी दिए।
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