Edited By Vijay, Updated: 19 Feb, 2025 02:21 PM

किन्नौर जिले के मीरू गांव से सटे न्यू कंपार्टमेंट नंबर-28 के जंगलों में बीते दो दिनों से आग भड़क रही है। इस भीषण आग ने दर्जनों हरे-भरे पेड़-पौधों के साथ-साथ दुर्लभ जड़ी-बूटियों को भी राख में तब्दील कर दिया है।
रिकांगपिओ (कुलभूषण नेगी): किन्नौर जिले के मीरू गांव से सटे न्यू कंपार्टमेंट नंबर-28 के जंगलों में बीते दो दिनों से आग भड़क रही है। इस भीषण आग ने दर्जनों हरे-भरे पेड़-पौधों के साथ-साथ दुर्लभ जड़ी-बूटियों को भी राख में तब्दील कर दिया है। गौरतलब है कि मीरू वन बीट के जंगलों में यह आग लगने की दूसरी घटना है। इससे पहले रुनंग गांव के जंगलों में आग ने लाखों रुपये की वन संपदा निगल ली थी। जंगलों में भड़क रही आग से क्षेत्र में मौजूद जाजूराना, कस्तूरी मृग और अन्य विलुप्तप्राय जंगली जीवों पर भी खतरा मंडरा रहा है।
आग जिस क्षेत्र में लगी है, वहीं पास में रोरा नॉन-कन्वेंशनल एनर्जी कंपनी की डैम साइट और दो एडिट टनलों का निर्माण कार्य चल रहा है। इस परियोजना स्थल पर काम कर रहे प्रवासी मजदूर जंगल में अस्थायी रूप से रह रहे हैं और ईंधन के लिए बिना रोकटोक के जंगल से लकड़ी काट रहे हैं। आशंका जताई जा रही है कि आगजनी की घटनाओं के पीछे इंसानी लापरवाही भी एक बड़ा कारण हो सकती है।
उधर, डीसीएफ किन्नौर अरविंद कुमार ने बताया कि वन विभाग ने हर बीट में फायर वॉचर तैनात कर दिए हैं और पंचायत प्रतिनिधियों को फायर एसएमएस अलर्ट सिस्टम से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय वन अधिनियम की धारा-79 के तहत प्रत्येक अधिकार धारक जंगल की आग को बुझाने के लिए वन विभाग और पुलिस अधिकारियों की सहायता करने के लिए बाध्य हैं। यदि कोई वन अधिकार धारक मदद करने से इन्कार करता है या जंगल में आग लगाता पाया जाता है तो जंगल पर उसका अधिकार तुरंत रद्द कर दिया जाएगा। वहीं आग लगाने वाले व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।
हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here
हिमाचल प्रदेश की खबरें पढ़ने के लिए हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें Click Here