Shimla: कल होगी मंत्रिमंडल की बैठक, बजट सत्र पर लगेगी मुहर

Edited By Kuldeep, Updated: 12 Feb, 2025 05:46 PM

shimla cabinet meeting

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में 13 फरवरी को होने वाली मंत्रिमंडल बैठक में मार्च माह में होने वाले विधानसभा के बजट सत्र पर मुहर लगेगी। बजट सत्र का शुभारंभ मार्च के पहले या दूसरे सप्ताह में होगा।

शिमला (कुलदीप): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में 13 फरवरी को होने वाली मंत्रिमंडल बैठक में मार्च माह में होने वाले विधानसभा के बजट सत्र पर मुहर लगेगी। बजट सत्र का शुभारंभ मार्च के पहले या दूसरे सप्ताह में होगा। सत्र के पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण होगा। राज्यपाल अभिभाषण को सरकारी स्तर पर अंतिम रूप दिए जाने की स्थिति में इसके ऊपर चर्चा हो सकती है या फिर इस विषय को मंत्रिमंडल की अगली बैठक में लाया जाएगा। केंद्र सरकार की तरफ से स्वीकृत यूनिफाइड पैंशन स्कीम (यूपीएस) मंत्रिमंडल में चर्चा के लिए आ सकती है। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इस विषय को चर्चा के लिए लाए जाने की बात कही है। राज्य सरकार यदि केंद्र सरकार की यूपीएस स्कीम को लागू करने का विकल्प चुनती है तो इससे प्रदेश को 1600 करोड़ रुपए अतिरिक्त कर्ज मिल सकेगा।

केंद्र सरकार के पास इस समय न्यू पैंशन स्कीम (एनपीएस) कर्मचारियों के करीब 9000 करोड़ रुपए भी फंसे हैं तथा यूपीएस लागू करने पर इसको प्राप्त करने के रास्ते खुल सकते हैं। मौजूदा वित्तीय हालात में राज्य सरकार के लिए यह बेहतर विकल्प साबित हो सकता है, लेकिन प्रतिकूल हालात के बावजूद वर्तमान सरकार ओल्ड पैंशन स्कीम (ओपीएस) को लागू करने पर अडिग नजर आई है। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल की तरफ से हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारी भर्ती एवं सेवा की शर्तें विधेयक 2024 को मंजूरी मिलने के बाद राज्य सरकार इसको लागू करने की दिशा में आगे बढ़ सकती है। इसके अनुसार अब अनुबंध कर्मचारियों को ज्वाइनिंग की तिथि से वरिष्ठता सहित अन्य वित्तीय लाभ नहीं मिलेंगे। सरकार का कहना है कि यह विधेयक कर्मचारी हित में है, क्योंकि ऐसा नहीं करने से पूरा सिस्टम गड़बड़ा जाएगा तथा वरिष्ठता का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।

हालांकि अनुबंध कर्मचारियों से जुड़े विषय को लेकर कोर्ट की तरफ से आए ताजा आदेशों के बाद सरकार विधि विशेषज्ञों की राय के बाद ही अंतिम निर्णय लेगी। इसी तरह आऊटसोर्स कर्मचारियों से जुड़ा विषय भी चर्चा के लिए आ सकता है। बजट सत्र के दौरान लाए जाने वाले कई महत्वपूर्ण संशोधनों को मंत्रिमंडल से मंजूरी प्रदान की जा सकती है। बैठक में विभिन्न विभागों में खाली पदों को भरने का निर्णय लिया जा सकता है। इसके अलावा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की तरफ से हाल ही में की घोषणाओं को भी मंजूरी मिल सकती है। आगामी वित्तीय वर्ष के बजट को अंतिम रूप देने से पहले मौजूदा वित्तीय वर्ष की घोषणाओं की समीक्षा भी की जा सकती है। वर्तमान सरकार के पास अब मौजूदा वित्तीय वर्ष की बजट घोषणाओं को अमल करने के लिए 31 मार्च 2025 तक का समय बचा है, क्योंकि इसके बाद 1 अप्रैल 2025 से नई बजट घोषणाएं लागू होंगी।

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