Edited By Kuldeep, Updated: 18 Dec, 2024 10:20 PM
लगभग डेढ़ माह पहले दीवाली के समय सील किए गए रिहायशी मकानों को बुधवार को भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद पुन: उनके मालिकों को सौंप दिया गया।
बिलासपुर (अंजलि): लगभग डेढ़ माह पहले दीवाली के समय सील किए गए रिहायशी मकानों को बुधवार को भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद पुन: उनके मालिकों को सौंप दिया गया। ग्राम पंचायत जमथल और हरनोडा के दो परिवार, जिनमें हरनोडा निवासी लाला राम पुत्र वंशी राम और जमथल निवासी वीरेंद्र कुमार पुत्र हरिमन शामिल हैं, को अपनी संपत्ति वापस मिल गई है।
उल्लेखनीय है कि यह मामला कई वर्षों से जिला न्यायालय और अब सर्वोच्च न्यायालय में चल रहा है। इन मकानों को वन विभाग ने डिमार्केटेड प्रोटैक्टेड फोरैस्ट क्षेत्र में अवैध कब्जे के आरोप में सील कर दिया था। वन विभाग ने इस कार्रवाई के दौरान मकानों पर तारबंदी भी कर दी थी। प्रभावित परिवारों ने दावा किया कि उन्हें 1955 में नौतोड़ के तहत भूमि आबंटित की गई थी, जिस पर उन्होंने मकान बनाए और खेती भी की। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार, वन विभाग की टीम ने बुधवार को ग्राम प्रधान और स्थानीय ग्रामीणों की उपस्थिति में सील किए मकानों को खोल दिया।
वन विभाग ने बताया कि यह मामला उच्च न्यायालय और जिला न्यायालय में कई वर्षों से चल रहा था। डीपीएफ जमथल में बने इन मकानों पर न्यायालय के आदेशानुसार विभाग ने कार्रवाई की थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल इन परिवारों को मकानों का कब्जा वापस सौंपने का आदेश दिया है। फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। जब तक अदालत का अंतिम निर्णय नहीं आता, प्रभावित परिवार इन मकानों में रह सकेंगे।