हिमाचल: डॉक्टरों में गहराया रोष, सामूहिक अवकाश के बाद अब रूटीन के ऑप्रेशन भी किए बंद

Edited By Vijay, Updated: 08 Mar, 2024 09:49 PM

doctors stop routine operations after collective leave

एनपीए की प्रमुख मांग सहित अन्य मांगों को लेकर संघर्षरत प्रदेश के डाॅक्टरों का गुस्सा अब फूटने लगा है और सामूहिक अवकाश के बाद अब राज्य के डाॅक्टर शनिवार से सिर्फ आपातकालीन ऑप्रेशन ही करेंगे जबकि रूटीन के ऑप्रेशन अब पूरी तरह से बंद रहेंगे।

शिमला (संतोष): एनपीए की प्रमुख मांग सहित अन्य मांगों को लेकर संघर्षरत प्रदेश के डाॅक्टरों का गुस्सा अब फूटने लगा है और सामूहिक अवकाश के बाद अब राज्य के डाॅक्टर शनिवार से सिर्फ आपातकालीन ऑप्रेशन ही करेंगे जबकि रूटीन के ऑप्रेशन अब पूरी तरह से बंद रहेंगे। इसके अलावा 9 मार्च को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाएं सुबह 9.30 से ही सुचारू रूप से प्रदान की जाएंगी। एचएमओए के तत्वावधान में पिछले 51 दिनों से डॉक्टर काले बिल्ले लगाकार कार्य कर रहे हैं और 18 दिनों से पैनडाऊन स्ट्राइक पर अपना रोष जता रहे हैं। डाॅक्टरों को सरकार की कैबिनेट बैठक से उम्मीद थी लेकिन कैबिनेट में भी उनके लिए कुछ न किए जाने से आक्रोशित डॉक्टरों ने बैठक का आयोजन किया, जिसमें ठोस रणनीति तैयार की गई। संघ के अध्यक्ष डाॅ. राजेश राणा की अध्यक्षता में वर्चुअल आयोजित हुई एचएमओए की बैठक में संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डाॅ. अनुपम बधन, डाॅ. सौरभ शर्मा, उपाध्यक्ष डाॅ. राघव एवं डाॅ. अंजलि, संयुक्त सचिव डाॅ. सुनीश चौहान एवं डाॅ. मोहित, कोषाध्यक्ष डाॅ. प्रवीण चौहान और प्रैस सचिव डाॅ. विजय राय सहित सभी जिलों के प्रतिनिधियों एवं विभिन्न स्वास्थ्य खंडों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

कैबिनेट बैठक में फिर मिला ठेंगा, आहत हुए डाॅक्टर
एचएमओए के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. राजेश राणा, महासचिव डाॅ. विकास ठाकुर और वरिष्ठ उपाध्यक्ष डाॅ. अनुपम बंधन ने कहा कि संघ को एक बार फिर आश्वासन दिया गया था कि डाॅक्टरों की मांगों पर कैबिनेट में चर्चा होगी लेकिन एक बार फिर कैबिनेट के मिनट्स और मीटिंग में संघ को निराशा ही प्राप्त हुई है। संघ हमेशा से जनहित में समर्पित है और सामूहिक अवकाश के समय भी डाॅक्टरों ने मरीजों के लिए रक्तदान, सफाई अभियान और मरीजों को फल वितरण आदि कार्य किए। लेकिन कैबिनेट में संघ की मांगों को न ले जाने से डाॅक्टरों में रोष है। अफसरशाही द्वारा जो हथकंडे डाॅक्टरों के आंदोलन को कुचलने के लिए अपनाए जा रहे हैं, जिसकी संघ कड़ी निंदा करता है। अपनी नाकामयाबी को छुपाने के लिए डाॅक्टरों के शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने से बेहतर होगा कि हिमाचल की जनता को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की दिशा में कार्य करते।

मांगें नहीं मानी तो ठोस रणनीति अपनाएंगे डाॅक्टर
उन्होंने कहा कि संघ 9 मार्च से केवल आपातकालीन ऑप्रेशन ही करेगा, बाकी ऑप्रेशन स्थगित रहेंगे। यदि इसके बावजूद उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वे ठोस रणनीति अपनाने को बाध्य होंगे। संघ को आशा है कि हमारी मांगों को जनहित में शीघ्र पूरा किया जाए और स्वास्थ्य संस्थानों को सुदृढ़ कर प्रदेश की जनता को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित नहीं किया जाए।
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